मुंबई, नौ जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को मुंबई में पालतू जानवरों के लिए विद्युत शवदाह गृहों की कमी पर चिंता जताई और बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) से इस मुद्दे पर जवाब तलब किया।
उच्च न्यायालय ने पिछले महीने एक खबर पर स्वतः संज्ञान लिया था, जिसमें देवनार बूचड़खाने में पशुओं के लिए शवदाह गृह के निर्माण में देरी का जिक्र किया गया था।
बीएमसी की ओर से पेश वकील ऊर्जा धोंड ने बुधवार को पीठ को बताया कि देवनार शवदाह गृह निर्माणाधीन है जबकि दक्षिण मुंबई के महालक्ष्मी में एक शवदाह गृह पहले से ही चालू है।
ऊर्जा ने देवनार में शवदाह गृह के निर्माण कार्य की प्रगति का विवरण देने वाला हलफनामा दाखिल करने के लिए समय देने का अनुरोध किया।
उन्होंने बताया कि मलाड में भी एक शवदाह गृह उपलब्ध है, जिसके बाद पीठ ने जानना चाहा कि क्या मलाड शवदाह गृह चालू है।
मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी और तब तक बीएमसी को अपना हलफनामा दाखिल करना होगा।
खबर के अनुसार, मलाड में पालतू और आवारा जानवरों के लिए प्राकृतिक गैस आधारित शवदाह गृह सितंबर 2023 में स्थापित किया गया था।
इसके बाद पशु प्रेमियों की मांग के आधार पर नगर निगम ने देवनार में पशुओं के लिए शवदाह गृह बनाने का निर्णय लिया। हालांकि, इसके निर्माण में देरी हुई।
इस शवदाह गृह की क्षमता 50 किलोग्राम होगी और इसमें एक बार में 10 से 12 किलोग्राम वजन वाले पांच पशुओं का दाह संस्कार किया जा सकेगा।
भाषा जितेंद्र वैभव
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