नयी दिल्ली, तीन जून (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हत्या के एक मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे गैंगस्टर अरुण गवली की समय पूर्व रिहाई पर सोमवार को अगले आदेश तक रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति अरविंद कुमार और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की अवकाशकालीन पीठ ने बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ के पांच अप्रैल के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी जिसने राज्य के अधिकारियों को गवली की समय पूर्व रिहाई के आवेदन पर 2006 की सजा माफी नीति के तहत विचार करने का आदेश दिया था।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजा ठाकरे ने न्यायालय से उच्च न्यायालय के पांच अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए कहा कि गवली राज्य की 2006 की सजा माफी नीति के तहत लाभ मांग रहा है जो हत्या के एक मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और मकोका के प्रावधानों के तहत दोषी है।
उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने गवली की याचिका स्वीकार कर ली थी, जिसमें उसने 10 जनवरी, 2006 की सजा माफी नीति के आधार पर राज्य सरकार को समय से पहले रिहाई के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया था जो 31 अगस्त, 2012 को उसकी दोषसिद्धि की तारीख तक लागू थी।
गवली मुंबई में शिवसेना के पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की 2007 में हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है। उसने 2006 की सजा माफी नीति की सभी शर्तों का पालन करने का दावा किया।
उसने कहा कि राज्य के अधिकारियों द्वारा समय से पहले रिहाई के उसके अनुरोध को खारिज करना अन्यायोचित, मनमाना है और इसे रद्द किया जाना चाहिए।
गवली ने दलील दी है कि वह 65 वर्ष का हो चुका है और मेडिकल बोर्ड ने उसे कमजोर बताया है जिससे उसे नीति का लाभ मिलना चाहिए।
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