नयी दिल्ली, पांच मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने जातीय हिंसा में मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली ‘लीक ऑडियो क्लिप’ की प्रामाणिकता से संबंधित फॉरेंसिक रिपोर्ट का सोमवार को अवलोकन किया और राज्य सरकार से जांच से संबंधित नयी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा।
प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय न्यायिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) की सीलबंद रिपोर्ट खोली और उन्हें मामले की जांच के संबंध में राज्य के अधिकारियों से निर्देश लेने को कहा।
विधि अधिकारी ने कहा, “एफएसएल रिपोर्ट दाखिल कर दी गई है। हमें इसकी जांच के लिए एक महीने का समय चाहिए।” उन्होंने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई मणिपुर उच्च न्यायालय द्वारा की जा सकती है, क्योंकि “अब शांति कायम है और जांच जारी रह सकती है।”
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “आइए हम याचिकाकर्ताओं को एक तरफ रखें और अगर कुछ गलत हुआ है तो किसी को बचाने के बजाय उसकी जांच करें।’’
रिपोर्ट का अवलोकन करने के बाद प्रधान न्यायाधीश ने मेहता से कहा कि उन्हें (एसजी को) इस बारे में अधिकारियों से बात करनी होगी।
पीठ ने आदेश दिया, “सॉलिसिटर जनरल पुनः जांच के बाद नयी रिपोर्ट दाखिल करने के बारे में नए निर्देश लें। इसे 21 जुलाई, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में फिर से सूचीबद्ध किया जाए।”
जब याचिकाकर्ता ‘कुकी ऑर्गेनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट’ (कोहूर) की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि जांच पूर्व मुख्यमंत्री से संबंधित है और यह निष्पक्ष होनी चाहिए, तो प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “अब वहां राष्ट्रपति शासन है… यह कोई समस्या नहीं होनी चाहिए”।
इसके बाद उन्होंने ‘कोहूर’ की याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी।
इससे पहले, राज्य सरकार ने पीठ को सूचित किया था कि जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर फॉरेंसिक रिपोर्ट तैयार है और उसे दाखिल किया जाएगा।
प्रदेश भाजपा के भीतर मची उठापटक और नेतृत्व परिवर्तन की बढ़ती मांगों के बीच सिंह ने नौ फरवरी को मणिपुर के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
इससे पहले, शीर्ष अदालत ने मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा में सिंह की भूमिका का आरोप लगाने वाली लीक हुई ऑडियो क्लिप की प्रामाणिकता पर सीएफएसएल से सीलबंद फॉरेंसिक रिपोर्ट मांगी थी।
‘कोहूर’ ने सिंह की कथित भूमिका की अदालत की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग की थी।
भाषा प्रशांत सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.