नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीमा शुल्क के उद्देश्य से कथित तौर पर सुपारी के गलत वर्गीकरण के संबंध में सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने वाली याचिका पर केंद्रीय सतर्कता आयोग से जवाब मांगा है।
न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह और न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने एक याचिका पर केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) को नोटिस जारी किया, जिसमें सीमा शुल्क के उद्देश्य से सुपारी के कथित गलत वर्गीकरण के मुद्दे को हल करने का अनुरोध किया गया है।
अदालत ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है।
अदालत ने कहा कि याचिका की विचारणीयता पर 8 मई को सुनवाई की अगली तारीख पर विचार किया जाएगा।
याचिकाकर्ता, एक सीमा शुल्क हाउस एजेंट (सीएचए) ने दावा किया कि सुपारी पर सीमा शुल्क 100 प्रतिशत या 50 प्रतिशत लगेगा, इस पर अस्पष्टता के कारण कथित तौर पर बड़े पैमाने पर गलत वर्गीकरण हुआ है, जिससे शुल्क चोरी को बढ़ावा मिला है और सरकार को काफी वित्तीय नुकसान हुआ है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग तथा सरकार के अन्य उच्च प्राधिकारियों के समक्ष भी शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें उन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बावजूद इस अस्पष्टता के आधार पर कथित रूप से बड़े पैमाने पर शुल्क चोरी में संलिप्त हैं।
याचिका में सीमा शुल्क विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं।
भाषा
संतोष दिलीप
दिलीप
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