नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने आम आदमी पार्टी (आप) की एक याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। आप ने यह याचिका विठ्ठलभाई पटेल हाउस में पार्टी के प्रदेश कार्यालय के लिए एक सुइट का आवंटन रद्द किये जाने और उपयोग के एवज में किराये की मांग के खिलाफ दाखिल की है।
आप ने दावा किया कि आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के संपदा निदेशालय का निर्णय एकपक्षीय है तथा बिना कोई ‘‘कारण बताओ नोटिस’’ जारी किये या सुनवाई का उचित अवसर दिए पारित किया गया है।
न्यायमूर्ति सचिन दत्ता ने आप की याचिका और अंतरिम राहत के आवेदन पर नोटिस जारी किया और केंद्र से जवाब दाखिल करने को कहा।
न्यायाधीश ने कहा, ‘नोटिस जारी करें। जवाबी हलफनामा दाखिल किया जाए। बारह अगस्त को सुनवाई होगी।’
याचिकाकर्ता पक्ष के वकील ने कहा कि संपदा निदेशालय ने बिना किसी सूचना के विट्ठलभाई पटेल हाउस में एक ‘डबल सुइट’ का आवंटन 14 सितंबर, 2024 से कथित रूप से रद्द कर दिया और 17 जनवरी की तिथि वाले एक पत्र में पहली बार याचिकाकर्ता को इसकी सूचना देरी से दी। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने 30 अप्रैल को परिसर का कब्जा सौंप दिया।
उन्होंने कहा कि छह मार्च और 13 मई को जारी पत्रों में प्राधिकार ने कथित निरस्तीकरण की तिथि से लेकर कब्जा सौंपने तक की अवधि के लिए आठ लाख रुपये से अधिक का किराया मांगा है।
उन्होंने अदालत से पत्र पर रोक लगाने का आग्रह किया।
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अमित सुरेश
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