नयी दिल्ली, चार फरवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी की उस याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा, जिसमें दंपति ने पश्चिम बंगाल के एक कथित कोयला घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले के संबंध में उन्हें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दिल्ली में पेश होने के लिए जारी किए गए समन को चुनौती दी है।
वहीं, ईडी ने उच्च न्यायालय के समक्ष दलील दी कि धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए)में स्थानीय अधिकार क्षेत्र की अवधारणा नहीं है, क्योंकि ये देश भर में जांच की शक्ति प्रदान करता है।
ईडी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और याचिकाकर्ता का पक्ष रखने वाले वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल की दलीलें सुनने के बाद न्यायमूर्ति रजनीश भटनागर ने कहा, ” हम आज इस मामले का समापन करेंगे। मैं इस फैसले को सुरक्षित रख रहा हूं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और उनकी पत्नी रुजिरा ने 10 सितंबर को उन्हें जारी समन को चुनौती दी है और अदालत से ईडी को दंपति को पेश होने के लिए दिल्ली नहीं बुलाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है, क्योंकि वे पश्चिम बंगाल के निवासी हैं।
न्यायाधीश ने कहा कि मामले में ईडी की शिकायत के खिलाफ और इस मामले में निचली अदालत द्वारा शिकायत का संज्ञान लेने तथा इसके बाद व्यक्तिगत पेशी के लिए समन जारी करने को चुनौती देने वाली रुजिरा बनर्जी की याचिका पर 11 फरवरी को सुनवायी होगी।
भाषा शफीक दिलीप
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