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सोमवार, 26 मई, 2025
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मुफ्त की सौगात मामले पर न्यायालय ने लगाई द्रमुक को फटकार

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नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मुफ्त की सौगात के मुद्दे पर द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के कुछ बयानों को लेकर मंगलवार को उसे आड़े हाथ लिया और कहा कि ”बुद्धिमत्ता केवल किसी खास व्यक्ति या पार्टी विशेष के पास ही नहीं होती।”

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने ”तर्कहीन” मुफ्त योजनाओं के खिलाफ दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान द्रमुक के वकील पी. विल्सन के दलीलें शुरू करते ही पार्टी को फटकार लगाई। विल्सन द्रमुक के सांसद भी हैं।

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ”श्री विल्सन (द्रमुक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन), मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है। मैं बहुत सी बातें कहना चाहता था। लेकिन मैं भारत का प्रधान न्यायाधीश होने के नाते ऐसा नहीं कह रहा हूं। जिस पार्टी और मंत्री के बारे में वह (वकील) बात कर रहे हैं… मुझे नहीं लगता कि बुद्धिमत्ता केवल किसी खास व्यक्ति या पार्टी विशेष से ही जुड़ी होती है। हम भी जिम्मेदार हैं…।”

शीर्ष अदालत वकील अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त में सुविधाएं प्रदान करने के वादों का विरोध किया गया है।

भाषा जोहेब अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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