नयी दिल्ली, पांच मार्च (भाषा) राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों से संबंधित धनशोधन मामले में आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन की जमानत अर्जी शनिवार को खारिज कर दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने जमानत अर्जी खारिज करते हुए कहा कि आरोपी को राहत देने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है।
अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) एन. के. मट्टा द्वारा दी गई दलीलों को स्वीकार किया कि आरोपी के खिलाफ रिकॉर्ड पर पर्याप्त सामग्री है और उनके खिलाफ धनशोधन का मामला बनता है।
एसपीपी ने यह भी दलील दी कि आरोपी के दंगों के वित्तपोषण में शामिल होने के संबंध में पर्याप्त सबूत और गवाह हैं। मट्टा ने अदालत में कहा कि आरोपी ने अन्य आरोपियों को दंगा करने और हथियार खरीदने के लिए पैसे दिए।
बचाव पक्ष के वकील ने जमानत अर्जी में दावा किया था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ धनशोधन का कोई मामला नहीं बनता है। उन्होंने दलील दी कि ईडी के मामले का आधार फर्जी चालान पर 1.5 करोड़ रुपये का कथित लेनदेन था। उन्होंने दलील दी थी कि उनके मुवक्किल के खिलाफ फर्जी चालान के जरिए लेनदेन के लिए केवल ‘जीएसटी’ का मामला बनता है।
ईडी ने दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले के आधार पर हुसैन और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम (पीएमएलए) अधिनियम के तहत शिकायत दर्ज की थी। हुसैन फरवरी 2020 में हुए दंगों से जुड़े मामले में मुख्य आरोपियों में से एक हैं।
भाषा अमित अविनाश
अविनाश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.