चंडीगढ़, तीन सितंबर (भाषा) पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने बुधवार को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके बेटे रणिंदर सिंह द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिसमें ईडी को आयकर विभाग के आरोपपत्र का अवलोकन करने से रोकने का अनुरोध किया गया। आरोपपत्र में उन पर स्विस बैंक खाते सहित कुछ विदेशी संपत्तियों के कथित रूप से लाभार्थी होने का आरोप लगाया गया है।
सिंह पिता-पुत्र ने दलील दी कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दस्तावेजों तक पहुंच की अनुमति नहीं दी जा सकती। उन्होंने ‘फ्रांस के साथ दोहरे कराधान से बचाव के समझौते’ की संधि के अनुच्छेद 28 के तहत देश (भारत) द्वारा प्राप्त किसी भी जानकारी को तीसरे पक्ष को बताने पर प्रतिबंध का हवाला दिया।
यह मामला 2011 में भारत को फ्रांस सरकार से प्राप्त ‘विश्वसनीय’ सूचना और ‘दस्तावेज’ पर आधारित है, जिसमें आरोप लगाया गया कि सिंह पिता-पुत्र विदेशी संस्थाओं के माध्यम से ‘रखरखाव और नियंत्रण’ वाली विदेशी परिसंपत्तियों के ‘लाभार्थी’ थे, जिनमें एक स्विस बैंक खाता और एक ट्रस्ट के माध्यम से दुबई में एक परिसंपत्ति शामिल है।
न्यायमूर्ति त्रिभुवन दहिया के आदेश में कहा गया, ‘ईडी को मजिस्ट्रेट के समक्ष शिकायतों के रिकॉर्ड का अवलोकन करने और सूचना/दस्तावेज तक पहुंच की अनुमति दी जाती है; हालांकि, इन्हें सार्वजनिक रूप से प्रसारित नहीं किया जाएगा जब तक कि कानून के अनुसार अनुमति न दी जाए।’
आयकर विभाग ने 2016 में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, लुधियाना की अदालत के समक्ष आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 277 (झूठे बयान देने या झूठे खाते/दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए अभियोजन) के अलावा अन्य धाराओं के तहत शिकायत (आरोप पत्र) दायर की थी।
भाषा आशीष पवनेश
पवनेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.