नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर पर विरोध प्रदर्शन करते हुए दिल्ली पुलिस के निषेधाज्ञा का कथित रूप से उल्लंघन करने के मामले में कांग्रेस नेता उदित राज के खिलाफ आरोपपत्र पर संज्ञान लेने से बृहस्पतिवार को इनकार कर दिया।
अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल ने कहा कि ऐसा कोई भी रिकॉर्ड नहीं है, जिससे पता चले कि आरोपी को संबंधित एसीपी द्वारा जारी आदेश की जानकारी थी।
राज ने कुछ अन्य लोगों के साथ 20 जनवरी को केजरीवाल के आवास के पास विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें बौद्ध भिक्षुओं और गुरु रविदास तथा वाल्मीकि मंदिरों के पुजारियों के लिए मासिक वेतन की मांग की गई थी।
पुलिस के अनुसार, राज के विरोध प्रदर्शन के कारण यातायात जाम हो गया और यात्रियों को असुविधा हुई।
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों को निषेधाज्ञा और आदर्श आचार संहिता के बारे में लाउडस्पीकर के माध्यम से सूचित किया गया, लेकिन वे शांत नहीं हुए।
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘वर्तमान मामले में, ऐसा कुछ भी रिकॉर्ड पर नहीं है, जिससे पता चले कि आरोपी को संबंधित एसीपी द्वारा जारी आदेश के बारे में जानकारी थी। शिकायत में अस्पष्ट रूप से यह कहा गया है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों द्वारा बीएनएसएस की धारा 163 लागू करने के बारे में लाउडस्पीकर पर घोषणा के बावजूद आरोपी नारे लगाते रहे।’’
न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हालांकि, पूरे आरोपपत्र में न तो ऐसे किसी पुलिस अधिकारी का नाम है जिसने स्पष्ट रूप से घोषणा की और न ही बीएनएसएस की धारा 180 के तहत उनका बयान दर्ज किया गया है।’’
भाषा सुरेश अमित
अमित
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.