मुंबई, 30 अप्रैल (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को शिवसेना के एक विधायक को उस जनहित याचिका पर राहत देने से इनकार कर दिया जिसमें उन्होंने प्रभावशाली लोगों, हास्य कलाकारों द्वारा सोशल मीडिया के कथित दुरुपयोग पर चिंता जताई थी।
अदालत ने कहा, ‘याचिकाकर्ता जिस चीज को दुरुपयोग के तौर पर देख रहे हैं, अन्य लोग उसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देख सकते हैं।”
मुख्य न्यायाधीश आलोक अराधे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने कहा कि शिवसेना विधायक किरण सामंत द्वारा मांगी गई राहत सामान्य प्रकृति की है और उनके पास सूचना प्रौद्योगिकी नियमों के तहत ऐसे कंटेंट को रोकने के मकसद से नामित नोडल अधिकारी के समक्ष शिकायत दर्ज कराने के लिए एक ‘प्रभावी उपाय’ उपलब्ध है।
न्यायमूर्ति अराधे ने कहा, ‘जिसे याचिकाकर्ता (सामंत) दुरुपयोग मान रहे हैं, उसे अन्य लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में देख सकते हैं। याचिकाकर्ता इसका निर्धारण नहीं कर सकता।’
सामंत ने जनहित याचिका (पीआईएल) में प्रभावशाली लोगों, कंटेंट निर्माताओं, हास्य कलाकारों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सर्च इंजन ‘गूगल’ और स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा को प्रतिवादी बनाया है।
कामरा को हाल ही में मुंबई में अपने शो के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जिसमें उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी की थी।
भाषा जोहेब सुरेश
सुरेश
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.