नयी दिल्ली, आठ फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आज़म खान को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत देने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एल. नागेश्वर राव और न्यायमूर्ति बी.आर. गवई की पीठ ने, हालांकि खान को संबंधित अदालत का दरवाजा खटखटाने और जमानत याचिकाओं के शीघ्र निपटान के लिए अनुरोध करने की इजाज़त दी।
पीठ ने कहा, ‘‘आप जमानत हासिल करने के लिए 32 याचिकाएं कैसे दायर कर सकते हैं? राजनीति को अदालत में ना लाएं।’’
खान की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके खिलाफ 87 प्राथमिकी दर्ज हैं, जिनमें से 84 मामलों में उन्हें जमानत मिल गई है।
उन्होंने खान की ओर से कहा, ‘‘मैं बिना वजह जेल में बंद हूं। आप ही बताएं मैं कहां जाऊं। मैं अदालत में राजनीति नहीं ला रहा हूं।’’
सिब्बल ने कहा कि लगातार अनुरोध के बावजूद पिछले तीन-चार महीने से जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की गई।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि चुनावों से ऐन पहले उनके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की जाती हैं, लेकिन ये मामले काफी पहले के हैं। जमानत के लिए दायर की गयी याचिकाओं की सुनवाई स्थगित की जा रही है।’’
पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता को जमानत याचिकाओं के त्वरित निपटारे के अनुरोध के लिए संबंधित अदालतों का दरवाजा खटखटाने की अनुमति दी जाती है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि अदालतें जमानत याचिकाओं का निपटारा जल्द करेंगी। (इसके साथ ही) रिट याचिका खारिज की जाती है।’’
खान रामपुर में दर्ज भूमि पर कब्जे सहित विभिन्न मामलों में फिलहाल सीतापुर जेल में बंद हैं।
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