नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को एक ऑडियो क्लिप की फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया, जिसमें उत्तर प्रदेश के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को कथित तौर पर मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए सुना जा सकता है।
न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ ने उस वरिष्ठ मुस्लिम नागरिक के खिलाफ आपराधिक कार्यवाही भी रद्द कर दी, जिसने इस क्लिप को प्रसारित करके इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की मांग की थी।
यह ऑडियो क्लिप कथित तौर पर संजीव त्यागी की है जो वर्तमान में राज्य में पुलिस उपमहानिरीक्षक के रूप में कार्यरत हैं।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता इस्लामुद्दीन अंसारी के खिलाफ मुकदमा चलाना ‘पूरी तरह से पुलिस प्राधिकार और न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग’ है। पीठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने नोटिस जारी करने के बाद स्वयं ही मामले को वापस लेने की मांग की थी।
पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराने से पहले पुलिस अधीक्षक से पूछा था कि क्या कथित आवाज़ उनकी है, और उन्होंने यह भी बताया था कि उन्होंने कुछ बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था, लेकिन इसका कोई जवाब नहीं दिया गया।’’
भाषा शोभना प्रशांत
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