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मंगलवार, 1 जुलाई, 2025
होमदेशअदालत ने वाल्मिकी अनुसूचित जाति विकास निगम में कथित घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया

अदालत ने वाल्मिकी अनुसूचित जाति विकास निगम में कथित घोटाले की सीबीआई जांच का आदेश दिया

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बेंगलुरु, एक जुलाई (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में कथित घोटाले की मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से व्यापक जांच का आदेश दिया।

इससे पहले, इस मामले में सीबीआई की भूमिका सीमित अनियमितताओं की जांच तक ही सीमित थी।

लेकिन, उच्च न्यायालय ने अब पूर्ण जांच का निर्देश दिया है तथा राज्य के विशेष जांच दल (एसआईटी) को मामले से संबंधित सभी दस्तावेज और साक्ष्य केंद्रीय एजेंसी को सौंपने को कहा है।

इस मामले में आदिवासी समुदायों के कल्याण के लिए निर्धारित धनराशि के गबन के गंभीर आरोप शामिल हैं।

जून में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बेल्लारी के कांग्रेस सांसद ई तुकाराम और कर्नाटक के तीन विधायकों के ठिकानों पर धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कई छापे मारे थे।

यह तलाशी ‘वाल्मीकि निगम’ द्वारा की गयी धनराशि की संदिग्ध हेराफेरी की एक बड़ी जांच का हिस्सा थी।

जांचकर्ताओं का मानना ​​है कि निगम के खातों से बड़ी मात्रा में अवैध रूप से धनराशि निकाली गयी और उसे फर्जी खातों में जमा किया गया एवं फिर खोखा कंपनियों के माध्यम से उसका धनशोधन किया गया।

ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि अंतरित धनराशि का एक हिस्सा 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान बेल्लारी निर्वाचन क्षेत्र में इस्तेमाल किया गया था।

कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम की स्थापना राज्य में अनुसूचित जनजाति समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार के उद्देश्य से विकासात्मक योजनाओं को लागू करने के लिए 2006 में की गई थी।

मौजूदा जांच कर्नाटक पुलिस और सीबीआई दोनों द्वारा पहले दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है, जो इन कल्याणकारी पहलों के लिए निर्धारित सरकारी पैसे के संदिग्ध दुरुपयोग पर केंद्रित है।

भाषा

राजकुमार नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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