नयी दिल्ली, एक फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के वकील आनंद डागा और उनके सोशल मीडिया प्रबंधक गजेंद्र तुमाने को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिक जांच रिपोर्ट कथित तौर पर लीक होने से जुड़े मामले में जमानत दे दी है। यह रिपोर्ट देशमुख को कथित तौर पर क्लीन चिट देने से संबंधित थी।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने सोमवार को एक लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही रकम की जमानत राशि पर उनमें से प्रत्येक को जमानत दी।
हालांकि, न्यायाधीश ने आरोपियों को जांच में सहयोग करने और छह माह तक महीने में एक बार जांच एजेंसी के समक्ष हाजिरी देने का भी निर्देश दिया।
अदालत ने आरोपियों को उसकी अनुमति के बगैर देश से बाहर नहीं जाने और गवाहों को प्रभावित करने की किसी भी तरह की कोशिश नहीं करने का भी निर्देश दिया।
गौरतलब है कि 29 अगस्त 2021 को सीबीआई की प्राथमिक जांच का कथित हिस्सा रही एक रिपोर्ट मीडिया को लीक हो गई थी। रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया था कि जांच एजेंसी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि ‘अनिल देखमुख द्वारा कोई संज्ञेय अपराध नहीं किया गया है।’’
सीबीआई की आंतरिक जांच में पाया गया था कि देशमुख की कानूनी टीम ने एजेंसी की प्राथमिक जांच में सीबीआई के निचले रैंक के अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी।
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