नयी दिल्ली, पांच जून (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने पाकिस्तान के लिए कथित तौर पर जासूसी करने को लेकर गिरफ्तार केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल(सीआरएपीएफ) के बर्खास्त जवान की एनआईए हिरासत बृहस्पतिवार को और 10 दिन के लिए बढ़ा दी।
मामले में आरोपी मोती राम जाट को 15 दिन की हिरासत समाप्त होने के बाद विशेष न्यायाधीश चंद्रजीत सिंह के समक्ष पेश किया गया। न्यायाधीश ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुरोध पर उसे और 10 दिन के लिए जांच एजेंसी की हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
न्यायाधीश ने यह आदेश एनआईए द्वारा दायर अर्जी पर पारित किया। एजेंसी ने अर्जी में दावा किया था कि जांच के दौरान बरामद इलेक्ट्रॉनिक आंकड़ों के आधार पर आरोपी से हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता है।
एनआईए ने न्यायाधीश को बताया कि आरोपी वर्ष 2023 से राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित गोपनीय जानकारी पाकिस्तानी खुफिया अधिकारियों (पीआईओ) के साथ साझा कर रहा था।
एजेंसी ने दावा किया कि सीआरपीएफ में सहायक उप निरीक्षक जाट विभिन्न माध्यमों से पीआईओ से धन प्राप्त कर रहा था। एनआईए ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार किया था।
सीआरपीएफ ने मामला सामने आने के बाद कहा है कि जाट को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
सीआरपीएफ द्वारा जारी बयान में कहा गया कि केंद्रीय एजेंसियों के साथ समन्वय में बल ने सोशल मीडिया पर उसकी गतिविधियों की करीबी निगरानी की और इस दौरान पाया गया कि उसने ‘‘स्थापित मानदंडों और प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है।’’
बल ने कहा कि उसे पूछताछ के लिए एनआईए की हिरासत में दिया गया है।
सीआरपीएफ ने बयान में कहा, ‘‘सीआरपीएफ नियमों के साथ भारत के संविधान के संबद्ध प्रावधानों के तहत, उसे 21 मई 2025 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।’’
भाषा धीरज सुभाष
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