scorecardresearch
Sunday, 12 May, 2024
होमदेशCBI अदालत ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत की कस्टडी दो दिन और बढ़ाई

CBI अदालत ने चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत की कस्टडी दो दिन और बढ़ाई

सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक मनी लांड्रिंग मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया था.

Text Size:

नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) अदालत ने बुधवार को चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत की कस्टडी दो दिन के लिए और बढ़ा दी. इन तीनों पर आईसीआईसीआई बैंक-वीडियोकॉन मनी लांड्रिंग मामला चल रहा है.

कथित फ्रॉड मामले में सीबीआई ने वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत, आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर की हिरासत मांगी थी.

मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की वकेशन बेंच ने कोचर दंपत्ति को किसी तरह के अंतरिम राहत देने से मना कर दिया था और याचिकाकर्ताओं से रेग्युलर बेंच को एप्रोच करने को कहा था, जो कि क्रिसमस और न्यू ईयर की छुट्टियों के बाद खुलेंगी.

सोमवार को आईसीआईसीआई बैंक मनी लांड्रिंग मामले में चंदा कोचर, दीपक कोचर और वेणुगोपाल धूत को तीन दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा गया था.

सीबीआई ने कोचर दंपति और वीडियोकॉन समूह के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपॉवर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल), वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (वीआईईएल) तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत 2019 में दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं.

जांच एजेंसी का आरोप है कि चंदा कोचर की अध्यक्षता वाली मंजूरी समिति ने 2009 में लोक सेवक के रूप में अपनी आधिकारिक हैसियत का दुरुपयोग करके बैंक के नियमों और नीतियों का उल्लंघन कर वीआईईएल को 300 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया.

सीबीआई ने आरोप लगाया कि ऋण दिये जाने के अगले ही दिन धूत ने एसईपीएल के जरिए वीआईईएल से 64 करोड़ रुपये एनआरएल को स्थानांतरित कर दिए.


यह भी पढ़ें: वाजपेयी के वक्त 59 तो मोदी 2.0 में सिर्फ 6 अल्पकालिक चर्चाएं, घटती जा रही हैं संसद में होनी वाली बहसें


 

share & View comments