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Sunday, 19 May, 2024
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न्यायालय ने एहतियातन हिरासत संबंधी कानून के उपयोग पर तेलंगाना पुलिस से नाखुशी जताई

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नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एहतियातन हिरासत में लेने संबंधी कानून का बिना सोचे विचारे इस्तेमाल करने के लिए तेलंगाना पुलिस से अप्रसन्नता जताते हुए सोमवार को कहा कि जब देश स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा है, कुछ पुलिस अधिकारी लोगों की स्वतंत्रता को बाधित कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता की पीठ ने हिरासत में ली गई एक महिला के पति के खिलाफ हिरासत आदेश को रद्द करते हुए यह टिप्पणी की।

पीठ ने कहा, ‘‘हम तेलंगाना के अधिकारियों को यह याद दिलाना चाहते हैं कि कानून के कठोर प्रावधानों को बिना सोचे-विचारे तत्काल लागू नहीं करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब देश विदेशी शासन से स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, अपराध रोकने में लगे उक्त राज्य के कुछ पुलिस अधिकारी संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों से बेपरवाह नजर आते हैं और लोगों की स्वतंत्रता को बाधित कर रहे हैं। जबकि वे नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं। इस प्रवृत्ति पर जितनी जल्दी रोक लग जाए, उतना बेहतर है।’’

शीर्ष अदालत ने कहा कि भारत के संविधान निर्माताओं द्वारा एक असामान्य उपाय के रूप में परिकल्पित एहतियातन हिरासत को वर्षों से लापरवाही पूर्ण तरीके से अपनाकर सामान्य प्रवृत्ति बना दिया गया है जैसे कि यह सामान्य कार्यवाही में भी उपयोग के लिए उपलब्ध हो।

भाषा

वैभव माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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