नयी दिल्ली, एक अक्टूबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने एक आपराधिक मामले में अभियोजन पक्ष और सरकारी वकील के बीच ‘‘तालमेल’’ नहीं होने पर नाखुशी जाहिर करते हुए मंगलवार को तेलंगाना के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को उसके समक्ष पेश होने को कहा।
न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति एस वी एन भट्टी की पीठ ने इस बात को लेकर नाखुशी जाहिर की कि तेलंगाना के वकील अदालत को यह नहीं बता पाए कि आपराधिक मामलों में आरोप पत्र कब दाखिल किए गए थे।
वकील ने केवल इतना कहा कि आरोप पत्र दाखिल कर दिए गए हैं।
पीठ ने कहा, ‘‘हम सरकारी वकील के जवाब से वास्तव में आश्चर्यचकित हैं, क्योंकि आरोपपत्र दाखिल करने की संबंधित तारीखें या तो आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए थीं या फिर निर्देश देने वाले अधिकारी को आरोपपत्र दाखिल किए जाने की सूचना दिए जाने पर आरोपपत्रों की प्रासंगिक तारीखों को एक साथ इंगित करना चाहिए था। अभियोजन पक्ष और सरकारी वकील के बीच तालमेल नहीं होना स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।’’
पीठ ने मामले को चार अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए निर्देश दिया, ‘‘तेलंगाना राज्य के डीजीपी को अगली तारीख पर व्यक्तिगत रूप या डिजिटल माध्यम से सुनवाई में शामिल होना चाहिए।’’
न्यायालय ने हालांकि राज्य सरकार के वकील से मामले का पूरा विवरण दाखिल करने को कहा।
भाषा
देवेंद्र माधव
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