बेंगलुरु, 22 अप्रैल (भाषा) कर्नाटक उच्च न्यायालय ने 2023 के राज्य विधानसभा चुनाव में वरुणा विधानसभा क्षेत्र से मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की जीत की वैधता को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका मंगलवार को खारिज कर दी।
मैसूरु के वरुणा होबली के कूडनहल्ली गांव निवासी के. एम. शंकर द्वारा दायर याचिका में कथित चुनावी कदाचार के आधार पर मुख्यमंत्री के निर्वाचन को रद्द करने का अनुरोध किया गया था।
शंकर की याचिका में दलील दी गई थी कि कांग्रेस पार्टी की गारंटी कार्ड योजनाएं, जिनमें अनेक कल्याणकारी लाभों का वादा किया गया था, मतदाताओं को अवैध रूप से प्रभावित करने के उद्देश्य से प्रलोभन का एक रूप थीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि इस तरह के वादे रिश्वतखोरी के समान हैं, जो जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 123(1), 123(2) और 123(4) का उल्लंघन करते हैं।
याचिका में कहा गया है कि गारंटी योजनाएं सिद्धरमैया की सहमति और जानकारी से दिए गए उपहार या वादे थे, जिनका उद्देश्य अनुचित साधनों के माध्यम से वोट हासिल करना था।
इसमें आरोप लगाया गया कि इन कार्यों से चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता से समझौता हुआ है तथा सिद्धरमैया के निर्वाचन को अमान्य घोषित करने का अनुरोध किया।
हालांकि, सिद्धरमैया ने याचिका को चुनौती दी। उनकी कानूनी टीम ने वरिष्ठ अधिवक्ता रवि वर्मा कुमार के नेतृत्व में इसे खारिज करने की दलील दी।
दलीलों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति सुनील दत्त यादव की अगुवायी वाली पीठ ने सिद्धरमैया के पक्ष में फैसला सुनाया और याचिका खारिज कर दी। वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में सिद्धरमैया ने वरुणा से भाजपा उम्मीदवार वी सोमन्ना को हराकर जीत हासिल की थी।
सिद्धरमैया को 1,19,816 वोट मिले थे, जबकि सोमन्ना को 73,653 वोट मिले थे। इस तरह सिद्धरमैया इस चुनाव में 46,163 वोट से विजयी रहे थे। जीत के बाद, सिद्धरमैया को कांग्रेस विधायक दल का नेता चुना गया और उन्होंने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला।
भाषा अमित दिलीप
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