बेंगलुरु, छह मई (भाषा) शहर की एक विशेष अदालत ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया, मंत्री केजे जॉर्ज और तीन वरिष्ठ अधिकारियों पर बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) को विज्ञापन राजस्व में भारी नुकसान पहुंचाने की साजिश रचने का आरोप लगाने वाली शिकायत को खारिज कर दिया है।
अदालत ने फैसला सुनाया कि आरोपों में कोई तथ्य नहीं है तथा वे ठोस सबूतों के बजाय अनुमान पर आधारित हैं।
पूर्व पार्षद और भाजपा नेता एनआर रमेश द्वारा दायर शिकायत में दावा किया गया कि सिद्धरमैया के मुख्यमंत्री के रूप में पहले के कार्यकाल (2013-2018) के दौरान बीबीएमपी को 68.14 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
रमेश ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने अनिवार्य विज्ञापन शुल्क का भुगतान किए बिना अपनी उपलब्धियों को प्रचारित करने के लिए बीबीएमपी के स्वामित्व वाले बस शेल्टर का इस्तेमाल किया।
उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस नेताओं ने बकाया राशि से बचने के लिए बीबीएमपी और सूचना विभाग के अधिकारियों को रिश्वत दी होगी।
हालांकि, न्यायमूर्ति संतोष गजानन भट की अध्यक्षता वाली विशेष अदालत ने 28 अप्रैल के अपने आदेश में पाया कि आरोप प्रारंभिक जांच के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि शिकायत प्रत्यक्ष साक्ष्य के बजाय ‘‘धारणाओं और अनुमानों’’ पर आधारित है तथा काल्पनिक दावों के आधार पर आपराधिक कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती।
भाषा नेत्रपाल पवनेश
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