मुंबई, 10 जून (भाषा) शहर की एक अदालत ने आतंकवाद से संबंधित मामले में इंडियन मुजाहिद्दीन (आईएम) के कथित सदस्य सादिक शेख को जमानत देने से इनकार कर दिया और कहा कि उसकी ‘‘मानसिकता और गतिविधियां खतरनाक हैं।’’
शेख और आतंकवादी संगठन के कुछ अन्य संदिग्ध सदस्यों को मुंबई पुलिस ने 2008 में दिल्ली, अहमदाबाद और हैदराबाद में बम विस्फोटों से पहले मीडिया घरानों और सरकारी एजेंसियों को ईमेल भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया था।
इन पर कठोर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। शेख को अहमदाबाद विस्फोट मामले में पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है।
विशेष न्यायाधीश चकोर बाविस्कर ने चार जून को शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी।
मंगलवार को उपलब्ध हुए विस्तृत आदेश में अदालत ने कहा कि हथियार और गोला-बारूद के अलावा आरोपी के कब्जे से अत्यधिक भड़काऊ साहित्य भी बरामद किया गया।
अदालत ने कहा कि यह ‘‘निश्चित रूप से भारत की संप्रभुता, सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा है’’ और समाज में सांप्रदायिक सद्भाव के लिए भी खतरनाक है।
न्यायाधीश ने कहा कि आरोपी की मानसिकता और गतिविधियां समाज, राष्ट्र तथा मानवता के लिए खतरनाक हैं।
शेख ने जमानत की मांग करते हुए दावा किया था कि उसे इन मामलों में झूठा फंसाया गया है। उसके आवेदन में कहा गया कि वह लंबे समय से जेल में है और अन्य सह-आरोपियों को जमानत मिल चुकी है।
भाषा नेत्रपाल माधव
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