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सोमवार, 9 जून, 2025
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न्यायालय ने जमीन हड़पने के आरोपी की अग्रिम जमानत रद्द की

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नयी दिल्ली, सात जुलाई (भाषा) जमीन घोटालों से जनता का विश्वास कम होने संबंधी टिप्पणी करते हुए उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को उस व्यक्ति की अग्रिम जमानत रद्द कर दी, जिस पर एक प्रवासी भारतीय दंपती की 60 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की जमीन हड़पने के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने का आरोप है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने आरोपी व्यक्ति को अग्रिम जमानत देने के पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के 31 मई के आदेश को रद्द कर दिया।

आरोप है कि प्रवासी भारतीय प्रतिभा मनचंदा और उनके पति की गुरुग्राम के एक गांव में स्थित जमीन को हड़पने के लिए आरोपी ने 1996 में फर्जी जनरल पॉवर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) बनवाई थी।

पीठ ने कहा, ‘‘भारत में जमीन घोटाले आम बात हो गयी है जिसमें भूमि अधिग्रहण, स्वामित्व और लेनदेन से संबंधित अवैध गतिविधियां और धोखाधड़ी वाले तरीके शामिल रहे हैं। घोटालेबाज अक्सर फर्जी भूमि स्वामित्व या ऋणमुक्त स्थिति दिखाने के लिए फर्जी भूमि दस्तावेज, फर्जी बैनामे बनवाते हैं या भूमि रिकॉर्ड में हेरफेर करते हैं।’’

उसने मामले में गुरुग्राम पुलिस आयुक्त से कम से कम पुलिस उपाधीक्षक स्तर के किसी अधिकारी की अगुवाई में विशेष जांच दल गठित करने और दो महीने में जांच पूरी कराने को कहा।

भाषा वैभव माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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