नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को दक्षिण दिल्ली के एक स्कूल को अपने बच्चे की बकाया फीस के तौर पर 1.21 लाख रुपये से अधिक का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
दीवानी अदालत के न्यायाधीश यशु खुराना प्रतिवादी ‘ब्लूबेल्स स्कूल इंटरनेशनल’ द्वारा वादी वीरेंद्र राणा के खिलाफ दायर एक मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे, जिसमें वादी के बच्चे की स्कूल फीस के तौर पर बकाया 1.21 लाख रुपये से अधिक की राशि की वसूली का अनुरोध किया गया था।
अदालत ने 23 जुलाई को पारित फैसले में कहा कि स्कूल ने आरोप लगाया है कि राणा ने ‘‘शिक्षा निदेशालय (डीओई) के एक अगस्त 2018 के आदेश और इस तथ्य की आड़ में बकाया राशि के भुगतान में देरी की कि मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।’’
डीओई का आदेश स्कूल के वर्ष 2017-18 के शुल्क ढांचे से संबंधित था।
स्कूल ने कहा कि भुगतान में देरी के कारण उसकी वित्तीय हालत खराब हो गई।
अदालत ने कहा, ‘‘वादी ने सात फरवरी 2024 को बकाया राशि का अंतिम भुगतान किया था, जबकि मौजूदा मुकदमा 16 अक्टूबर 2024 को दायर किया गया है।’’
आदेश में कहा गया है कि चूंकि राणा अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ, इसलिए स्कूल के दावे न तो गलत साबित हुए और न ही उनका विरोध हुआ।
अदालत ने स्कूल के पक्ष में फैसला सुनाया और राणा को 1.21 लाख रुपये से अधिक की बकाया मूल राशि 10 प्रतिशत ब्याज के साथ चुकाने का आदेश दिया।
भाषा खारी पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.