नयी दिल्ली, 27 मई (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को बार निकाय ‘एससीबीए’ की चुनाव समिति से कहा कि वह कुछ सदस्यों की शिकायतों को दूर करने के लिए नौ कार्यकारिणी सदस्यों के मतों की पुनर्गणना कराए।
इन कार्यकारिणी सदस्यों ने शीर्ष अदालत के कुछ कर्मचारियों की मदद से अनियमितता किये जाने का आरोप लगाया है।
न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने बार निकाय के चुनाव के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित चुनाव समिति की प्रशंसा की तथा कथित अनियमितताओं को ‘प्रामाणिक त्रुटि’ करार दिया। पीठ ने कहा कि चुनाव समिति ने सराहनीय काम किया है।
पीठ ने कहा, ‘‘जहां तक नौ कनिष्ठ कार्यकारिणी सदस्यों के चुनाव का संबंध है, हमने चुनाव समिति से कुछ असंतुष्ट सदस्यों की संतुष्टि के लिए मतों की पुनर्गणना कराने को कहा है। चूंकि चुनाव समिति के कुछ सदस्य (उच्चतम न्यायालय के) आंशिक कार्य दिवसों के दौरान उपलब्ध नहीं होते हैं, इसलिए हमने उनसे (समिति के सदस्यों से) अनुरोध किया है कि वे (ग्रीष्मकालीन अवकाश के उपरांत) अदालतों के खुलने के तुरंत बाद अपनी मौजूदगी में पुनर्मतगणना कराएं।’’
पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत कार्यकारिणी सदस्यों के मतों की पुनर्गणना के लिए पर्याप्त कर्मचारी उपलब्ध कराएगी।
शीर्ष अदालत ने कहा, ‘‘मतों की पुनर्गणना उम्मीदवारों/नामांकित व्यक्तियों की उपस्थिति में की जाएगी। हालांकि, वे इस प्रक्रिया में कोई बाधा नहीं डालेंगे।’’
शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान चुनाव समिति के सदस्यों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के पूर्व अध्यक्ष आदिश अग्रवाल द्वारा लगाए गए आरोपों पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की।
हालांकि, बाद में अग्रवाल ने अपनी शिकायत वापस ले ली।
चुनाव समिति के सदस्य वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसारिया ने चुनाव के बाद हुई घटनाओं का क्रमवार ब्योरा दिया और अनियमितताओं के आरोपों का उल्लेख किया।
उन्होंने कहा कि विभिन्न शिकायतों के साथ 14 अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे।
पीठ ने मामले को जुलाई में न्यायालय के फिर से खुलने पर आगे की सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया।
सोमवार को अध्यक्ष पद के लिए पुनर्मतगणना के बाद 2576 वैध मतों में से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह को 1,051 मत, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रदीप राय को 825 और वरिष्ठ अधिवक्ता आदिश अग्रवाल को 611 मत मिले।
शीर्ष अदालत ने प्रक्रिया में कथित अनियमितताओं के मद्देनजर चुनाव समिति को हाल ही में संपन्न एससीबीए चुनावों में मतों की पुनर्गणना करने के लिए कहा था।
इसने हंसारिया से कहा था कि बार निकाय के अध्यक्ष पद के लिए मतों की पुनर्गणना पहले की जानी चाहिए, उसके बाद कार्यकारिणी सदस्यों के लिए मतों की गणना की जानी चाहिए।
हंसारिया ने कहा कि चुनाव समिति ने मतों की पुनर्गणना करने का फैसला किया है, क्योंकि डाले गए मतों की संख्या से अधिक मतों की गिनती की गई है।
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