नयी दिल्ली, 23 फरवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने हैदराबाद में एक पशु चिकित्सक से सामूहिक बलात्कार एवं उसकी हत्या करने के चार आरोपियों की मुठभेड़ में मौत के मामले की जांच के लिए शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त तीन सदस्यीय जांच आयोग की सीलबंद रिपोर्ट को फिलहाल वकीलों के साथ साझा करने से बुधवार को इनकार कर दिया।
न्यायालय ने अपनी रजिस्ट्री को निर्देश दिया कि वह न्यायमूर्ति वी एस सिरपुरकर जांच आयोग की रिपोर्ट पीठ के न्यायाधीशों को मुहैया कराए।
प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति एन वी रमण ने सीलबंद रिपोर्ट को संबंधित वकीलों के साथ फिलहाल साझा करने पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘पहले हमें रिपोर्ट पढ़ लेने दीजिए।’’
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘निर्देशों का पालन करते हुए, जांच आयोग के सचिव श्री एस शशिधर रेड्डी ने 28 जनवरी, 2022 को जांच आयोग की सीलबंद रिपोर्ट (दो संस्करणों) दाखिल की। रिपोर्ट को आज अदालत में खोला गया। हम रजिस्ट्री को इस पीठ के माननीय न्यायाधीशों (न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली) को रिपोर्ट की प्रतियां उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं।’’
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान वकील एम एल शर्मा ने रिपोर्ट की प्रति मांगी। शर्मा ने छह दिसंबर, 2019 को हैदराबाद पुलिस के साथ कथित मुठभेड़ में चार आरोपियों के मारे जाने की जांच का अनुरोध करते हुए एक जनहित याचिका दायर की थी।
पीठ ने जांच रिपोर्ट पर विचार के लिए जनहित याचिकाओं को एक सप्ताह के बाद सूचीबद्ध किया।
भाषा सिम्मी नेत्रपाल
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