नयी दिल्ली, 23 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) में मथुरा और झांसी के बीच एक रेल मार्ग परियोजना के लिए 5,094 पेड़ काटने की अनुमति मांगने के विषय में केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को पड़ताल करने और चार हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने का बुधवार को निर्देश दिया।
रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने एक अर्जी के दाखिल कर शीर्ष अदालत से पेड़ काटने की अनुमति मांगी है।
टीटीजेड उत्तर प्रदेश में आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों में तथा राजस्थान के भरतपुर जिले में फैला हुआ है।
आरवीएनएल का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति एल.एन. राव और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की पीठ से कहा कि दिल्ली-मथुरा और झांसी के बीच मौजूदा रेल मार्ग अत्यधिक व्यस्त है और खाली पटरी की अनुपलब्धता की वजह से रेलगाड़ियां विलंब हो जाती हैं।
मेहता ने पिछले साल 29 जनवरी के न्यायालय के एक आदेश का जिक्र किया, जिसमें मथुरा और झांसी के बीच तीसरी रेल पटरी बिछाने के लिए 4,102 पेड़ काटे जाने की अनुमति दी गई थी।
पीठ ने कहा, ‘‘सीईसी को एक रिपोर्ट सौंपने दीजिए।’’
न्यायालय ने कहा, ‘‘चूंकि रेल लाइन के जरूरी और 5,094 पेड़ काटने के लिए अनुमति मांगी गई है, इसलिए समिति को विषय की पड़ताल कर एक रिपोर्ट सौंपे का निर्देश दिया जाता है। ’’
पीठ ने परियोजना के महत्व को मद्देनजर रखते हुए समिति को चार हफ्ते के अंदर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया।
न्यायालय ने कहा कि विषय को उसके बाद सूचीबद्ध किया जाएगा।
पीठ रेल मार्ग परियोजना के लिए 5,094 पेड़ काटने का अनुमति मांगने वाली आरएनवीएल द्वारा दायर एक अर्जी पर सुनवाई कर रही है।
न्यायालय ने टीटीजेड विषय में कई अन्य अर्जियों का भी निस्तारण किया है।
भाषा सुभाष अनूप
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