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Thursday, 26 December, 2024
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न्यायालय व्यापमं घोटाले के व्हिसलब्लोअर की याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत

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नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय व्यापमं घोटाले में एक व्हिसलब्लोअर की याचिका पर 11 अप्रैल को सुनवाई के लिए शुक्रवार को सहमत हो गया। कथित प्रश्न पत्र लीक मामले में उनकी सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दर्ज प्राथमिकी पर मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ यह याचिका दायर की गई है।

प्रधान न्यायाधीश एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने डॉ. आनंद राय की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा की दलीलों पर गौर किया कि आरोपी को उन मामलों में बृहस्पतिवार की रात दिल्ली के एक होटल से गिरफ्तार किया गया था जिनमें अन्य आरोपी जमानत पर बाहर हैं।

वरिष्ठ वकील ने मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग करते हुए कहा, ‘‘व्यापमं मामले के व्हिसलब्लोअर को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि मुख्य आरोपी जमानत पर है।’’

प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘हम इसे सोमवार के लिए सूचीबद्ध करेंगे।’’

राय के खिलाफ इस साल मार्च में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) के उप सचिव लक्ष्मण सिंह मरकाम ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।

आरोपी की फेसबुक पोस्ट के अनुसार सीएमओ में तैनात अधिकारी के फोन से राज्य परीक्षा की प्रश्न-उत्तर कुंजी लीक हो गई थी और इस कारण मामला दर्ज किया गया।

वकील सुमीर सोढ़ी के माध्यम से दायर याचिका में जबलपुर में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय द्वारा पारित अप्रैल, 2022 के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने के अनुरोध संबंधी उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी।

याचिका में कहा गया है, ‘‘वर्तमान मामला उन उदाहरणों पर प्रकाश डालता है जहां एक ताकतवर और प्रतिशोधी राज्य किसी नागरिक को परेशान करने और मानहानि के संभावित व्यक्तिगत मामले को प्राथमिकी में बदलने के लिए कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है।’’

याचिका में कहा गया है कि राय को 26 मार्च, 2022 को व्हाट्सएप पर एक अज्ञात स्रोत से लक्ष्मण सिंह के नाम से एक मोबाइल फोन की तस्वीर का स्क्रीनशॉट मिला था।

याचिका में कहा गया है, ‘‘स्क्रीनशॉट में ‘संविदा शिक्षक वर्ग-तृतीय परीक्षा’ के प्रश्न पत्र और उत्तर कुंजी थी, जिसका जिक्र उन्होंने अपने फेसबुक पोस्ट में किया था।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के विभिन्न विभागों में भर्तियों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए होने वाली परीक्षाओं में धांधली को लेकर व्यापमं सुर्खियों में रहा है। व्यापमं में घोटाला 2011 में सामने आया था। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद इस भर्ती और प्रवेश घोटाले की जांच अपने हाथ में ले ली थी।

भाषा

देवेंद्र नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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