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शनिवार, 10 मई, 2025
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न्यायालय ने अभियोजन पक्ष की अविश्वसनीय दलीलों पर बलात्कार के दो दोषियों को बरी किया

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नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को अभियोजन पक्ष की कमजोर और ‘पूरी तरह अविश्वसनीय’ दलीलों के कारण उत्पन्न गंभीर संदेह के चलते बलात्कार के दो दोषियों को बरी कर दिया।

न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ ने शीर्ष अदालत के उस फैसले का हवाला दिया जिसमें बलात्कार के झूठे आरोपों के खिलाफ चेतावनी दी गई थी, क्योंकि इससे आरोपी को परेशानी और नुकसान के साथ अपमान का भी सामना करना पड़ता है।

पीठ ने कहा कि अदालत को आरोपी को झूठे आरोपों से बचाने में भी उतनी ही सावधानी बरतनी चाहिए।

पीठ ने कहा, ‘‘हमें उनकी गवाही को उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली मानने में कठिनाई हो रही है। हम यह भी नहीं कह सकते कि पीड़ितों द्वारा बताई गई कहानी विश्वास जगाती है। आश्वासन की तलाश में, हम पाते हैं कि पूरा वर्णन अविश्वसनीय है और इसकी बारीकियों की पुष्टि नहीं होती है।’’

शीर्ष अदालत का फैसला दो आरोपियों द्वारा दायर अपील पर आया जिन्होंने बंबई उच्च न्यायालय के जुलाई 2024 के आदेश को चुनौती दी थी। बंबई उच्च न्यायालय ने अधीनस्थ अदालत के जुलाई 2003 के आदेश के खिलाफ उनकी अपील को खारिज कर दिया था।

अधीनस्थ अदालत ने जून 2000 में दो महिलाओं के अपहरण और बलात्कार के मामले में उन्हें दोषी ठहराया था।

भाषा

संतोष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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