नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बरी कर दिया है.
गीतिका कांडा की एमडीएलआर एयरलाइंस में एक एयर होस्टेस के तौर पर काम करती थीं. 5 अगस्त 2012 को उत्तर पश्चिम दिल्ली में अपने अशोक विहार वाले घर पर मृत पाई गई थीं. गीतिका ने आत्महत्या करने के साथ एक सुसाइड नोट छोड़ा था जिसमें गोपाल कांडा पर अपनी एचआर मैनेजर अरुणा चड्ढा के साथ मिलकर उसे परेशान करने और उसका ‘दुरुपयोग’ करने का आरोप लगाया था.
एयर होस्टेस गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल गोयल कांडा को बरी किए जाने के बाद उन्होने कहा, ”मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था, यह मामला मेरे खिलाफ बनाया गया था और आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है.”
Delhi's Rouse Avenue Court acquits former Haryana Minister Gopal Goyal Kanda in air hostess Geetika Sharma suicide case.
Geetika, a former air hostess, who was earlier employed with Kanda's MDLR airlines, was found dead on August 5, 2012 at her Ashok Vihar residence in North… pic.twitter.com/Ibs8hYuMcC
— ANI (@ANI) July 25, 2023
गीतिका की आत्म हत्या किए जाने के छह महीने बाद, उनकी मां अनुराधा शर्मा ने भी 16 फरवरी, 2013 को आत्महत्या कर ली थी, उन्होंने भी एक सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें कांडा और चड्ढा पर उनकी बेटी को यह कदम उठाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया था.
पिछले दिनों कांडा का नाम फिर से चर्चा में आया जब उनकी हरियाणा लोकहित पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक के रूप में सामने आईं 38 दलों की सूची में पाईं गईं. यह लिस्ट 18 जुलाई को नई दिल्ली में आयोजित एनडीए सहयोगियों की बैठक के पहले भाजपा द्वारा मीडिया के साझा की गई ती. लेकिन बैठक में न तो कांडा दिखे न ही उनकी पार्टी का कोई पदाधिकारी ही नजर आया. हालांकि उनके छोटे भाई गोबिंद कांडा ने दिप्रिंट को बताया कि उनकी पार्टी एनडीए का हिस्सा है लेकिन बैठक में इसलिए शामिल नहीं हो सके क्योंकि उन्हे कुछ महत्वपूर्ण काम था.
हालांकि जून के दूसरे हफ्ते में कांडा और भाजपा हरियाणा के प्रभारी बिप्लब देब के साथ एक मुलाकात की फोटो तेजी से वायरल हुई थी.
मुलाकात के बाद स्थानीय मीडिया को दिए अपने बयान में गोपाल कांडा ने कहा था कि वे पूरी तरीके से बीजेपी के साथ हैं. उन्होंने कहा कि बिना जेजेपी के भी हरियाणा में सरकार चल सकती है. पहले ही दिन से हम बिना जेजेपी के भी सरकार चला सकते थे.
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कैसा रहा एक प्रॉपर्टी डीलर से राजनीति का सफर
गोपाल कांडा का जन्म दिसंबर 1965 में हुआ था. वह अपने अपने छोटे भाई गोबिंद के साथ हरियाणा के सिरसा में एक रेडियो मरम्मत आउटलेट और एक जूते की दुकान चलाते थे. लेकिन बाद में उन्होंने रियल एस्टेट क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाने के लिए गुरुग्राम जाने का फैसला किया.
कुछ ही वर्षों में वह सबसे अमीर व्यक्ति बन गए. सिरसा में लोग उसे एक ऐसे व्यवसायी के रूप में जानते थे जिसने रियल एस्टेट में बड़ी संपत्ति बनाई. जब राज्य में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) सत्ता में थी, तब उन्हें चौटाला परिवार के करीबी माने जाते थे.
अपने अच्छे दिनों में, तारा बाबा आश्रम, जो कांडा के पारिवारिक गुरु का एक निजी धार्मिक स्थान था, उनका एक चर्चित पता था. कांडा अपने वार्षिक समारोहों के दौरान हेमा मालिनी और नरेंद्र चंचल जैसे फिल्मी सितारों और गायकों को आश्रम में आमंत्रित करता था.
2005 में जब इनेलो सत्ता से बाहर हो गई, तो कांडा ने खुद को चौटाला परिवार से दूर करना शुरू कर दिया. अक्टूबर 2009 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले, उन्होंने घोषणा की कि वह सिरसा से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने इनेलो के पदम जैन को हराकर निर्दलीय के रूप में जीत हासिल की और भूपिंदर सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में जूनियर मंत्री बने. यहां से उनके राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई.
गीतिका शर्मा की आत्म हत्या किए जाने के बाद उनकी किस्मत डूबती चली गई. इस मामले में उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देना पड़ा और 13 महीने जेल में बिताने के बाद सितंबर 2013 में उन्हें जमानत दे दी गई थी.
2 मई 2014 को, संसदीय चुनावों से ठीक पहले, कांडा ने एचएलपी लॉन्च की और अपने पिता मुरली धर कांडा के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ संबंधों का हवाला देते हुए, भाजपा के साथ तालमेल बिठाने की कोशिश करते देखे गए. उन्होंने तब दावा किया था कि उनके पिता ने एक बार जनसंघ के टिकट पर सिरसा (अविभाजित पंजाब में) की एक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.
उस वर्ष के अंत में 2014 के विधानसभा चुनावों में, कांडा सिरसा में इनेलो के माखन लाल सिंगला से 2,938 वोटों के अंतर से हार गए.
हालांकि, उन्होंने 2019 के विधानसभा चुनावों में सिरसा में जीत हासिल की और तुरंत भाजपा को समर्थन की पेशकश की, जो 90 सदस्यीय विधानसभा में 40 सीटें जीतकर बहुमत के निशान से छह से पीछे रह गई. उनके छोटे भाई गोबिंद कांडा, हालांकि रानिया में इनेलो के राम चंद कंबोज से हार गए, लेकिन कांग्रेस के रणजीत सिंह चौटाला तीसरे स्थान पर खिसक गए.
जब कांडा के समर्थक उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें मंत्री के रूप में शामिल किया जाएगा, तो पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ट्वीट्स की एक श्रृंखला में गीतिका शर्मा आत्महत्या मामले में उनकी कथित संलिप्तता के लिए उनकी आलोचना की. आलोचना का सामना करते हुए, भाजपा ने उनके समर्थन के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और सरकार बनाने के लिए दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के साथ गठबंधन किया.
भाजपा को जल्द ही कांडा बंधुओं के महत्व का एहसास हुआ, और भाजपा और जेजेपी दोनों ने नवंबर 2021 में ऐलनाबाद विधानसभा उपचुनाव में गोबिंद कांडा को अपने संयुक्त उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा. कांडा के छोटे भाई इनेलो के अभय सिंह चौटाला से हार गए.
चुनावी झटके के बावजूद, एनडीए के घटक दलों की सूची में एचएलपी की मौजूदगी से पता चलता है कि कांडा अभी भी हरियाणा की राजनीति में प्रासंगिक हैं.
इस साल जून में, गोपाल कांडा और उनके छोटे भाई को सिरसा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की 18 जून की रैली के लिए व्यवस्था करते देखा गया था. हालांकि, गोपाल कांडा कथित तौर पर शाह के आने से पहले ही कार्यक्रम स्थल से चले गए.
बता दें कि 2019 के अपने चुनावी हलफनामे में, गोपाल और गोबिंद कांडा ने अपनी कुल संपत्ति क्रमशः 95 करोड़ रुपये और 65 करोड़ रुपये बताई थी. गोपाल कांडा ने यह भी उल्लेख किया था कि उस समय उन पर नौ आपराधिक मामले चल रहे थे, जिनमें से दो में उन पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है.
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