नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन का दौर जारी है. कई राज्यों में विपक्षी दलों ने बंद बुलाया है जिसकी वजह से जगह-जगह ट्रेनें रोकी जा रही हैं. वहीं यूपी में आगजनी और हिंसा करने वाले एक हजार लोगों पर एफआईआर दर्ज भी की गई है जबकि अभी तक हिंसा में यूपी में करीब 11 लोगों की मौत हो चुकी है.
जबकि शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने शनिवार को बताया कि शुरुआत में 10 लोगों को पकड़ा गया था लेकिन बाद में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया.
पुलिस ने बताया कि इन पर दंगा करने और पुलिसकर्मियों को ड्यूटी निभाने से रोकने के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया गया है.
बता दें कि जितने लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है उनके लिए दिल्ली के वकीलों का एक समूह सामने आया है जो तीस हज़ारी कोर्ट में मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, मध्य दिल्ली के समक्ष अर्जी दाखिल की है. अर्जी में नागरिक कानून के विरोध से संबंधित मामले में हिरासत में लिए गए लोगों से मिलने, गिरफ्तार किए गए लोगों को एफआईआर प्रतियां प्रदान करने की अनुमति मांगी गई. वहीं दूसरी तरफ एकबार फिर से जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर लोग नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन करने जुट गए हैं.
कोर्ट का पुलिस को निर्देश, दरियागंज में हिरासत में लिए गए लोगों से वकीलों को मिलने दें
दरियागंज में हुए हिंसक प्रदर्शन के संबंध में हिरासत में लिए गए 40 लोगों के लिए दिल्ली की एक अदालत का निर्देश कुछ राहत लेकर आया है. अदालत ने दिल्ली पुलिस को हिरासत में लिए गए लोगों से वकीलों को मिलने देने और उन्हें कानूनी सहायता उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अरुल वर्मा ने दरियागंज पुलिस थाने के प्रभारी को शुक्रवार रात को तब ये निर्देश जारी किए, जब वकील हिरासत में लिए लोगों से मिलने की अनुमति मांगने के लिए उनके आवास पर पहुंच गए.
अधिवक्ता कृति अवस्थी और आदित्य पुजारी ने मुख्य मेट्रोपोलिन मजिस्ट्रेट को बताया कि थाने में नाबालिगों समेत कुछ अन्य लोगों को हिरासत में रखा गया है और वे इलाके के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट या ड्यूटी मजिस्ट्रेट से नहीं मिल सके.
वर्मा ने थाना प्रभारी को हिरासत में मौजूद घायलों को जरूरी इलाज उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया.
न्यायाधीश ने नाबालिगों को हिरासत में लेने को लेकर दिल्ली पुलिस की यह कहते हुए खिंचाई भी की कि अगर कोई नाबालिग कानून विरोधी गतिविधि में कथित तौर पर लिप्त है, तो भी उसे पहली बार में हिरासत में नहीं लिया जाना चाहिए और जरूरत पड़ने पर उनके साथ कानून के प्रावधानों के मुताबिक सुलूक किया जाना चाहिए.
दरियागंज हिंसा: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद गिरफ्तार
भीम आर्मी सेना प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुई हिंसा के मामले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया.आजाद के संगठन ने शुक्रवार को जामा मस्जिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने का आह्वान किया था.पुलिस ने बताया कि उन्हें पहले हिरासत में लिया गया था. उन्होंने बताया कि हिंसा के मामले में अभी तक गिरफ्तार किए गए लोगों का आंकड़ा अब 16 हो गया है.
जामिया छात्रों ने सीएए के खिलाफ विवि परिसर के बाहर किया प्रदर्शन
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ विश्वविद्यालय परिसर के बाहर शनिवार को प्रदर्शन किया.विश्वविद्यालय के मुख्य प्रवेश द्वार पर छात्राओं ने प्रदर्शन किया और बाद में इसमें पुरुष भी शामिल हो गए.
दिल्ली के इलाकों में भारी सुरक्षा बल के बीच सामान्य हो रहे हैं हालात
दिल्ली में नए नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा से प्रभावित हुए इलाकों में स्थिति धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी और बताया कि पुरानी दिल्ली और सीमापुरी में सुरक्षाबलों की भारी तैनाती की गई है.
पुरानी दिल्ली के दरियागंज और उत्तरपूर्वी दिल्ली के सीमापुरी में शुक्रवार को पथराव तथा हिंसा की घटनाएं देखी गई थी.
दरियागंज व्यापारी संघ के सचिव मनीष सेठ ने बताया कि शनिवार सुबह इलाके में सभी दुकानें खुली और कोई अशांति नहीं हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस कड़ी निगरानी कर रही है.
शाहदरा जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि इलाके में हालात नियंत्रण में हैं.
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने संशोधित नागरिकता कानून पर कार्यकर्ताओं के साथ एक जनसभा की और प्रदर्शन मार्च निकाला.
दरियागंज में शुक्रवार को पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें करनी पड़ी. इनमें से कुछ प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए थे और उन्होंने एक कार को फूंक दिया था.सीमापुरी से भी पथराव की खबरें आयी जिनमें अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त को मामूली चोटें आईं.
एनआरसी लागू हुआ तो छत्तीसगढ़ की आधे से अधिक आबादी प्रमाणित नहीं कर पाएगी नागरिकता
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यदि देश में एनआरसी लागू हुआ तो छत्तीसगढ़ की आधे से अधिक जनता अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएगी. बघेल ने कहा कि जिस तरह महत्मा गांधी ने वर्ष 1906 में अफ्रीका में अंग्रेजों के कानून का विरोध किया था, ठीक उसी तरह वह भी एनआरसी का विरोध कर रहे हैं.
जब उनसे पूछा गया कि क्या एनआरसी लागू होने के बाद देश की जनता को नोटबंदी की तरह कतार में खड़े होकर अपनी नागरिकता साबित करनी होगी, तो इस पर मुख्यमंत्री ने कहा,’बिल्कुल सही बात है कि हमें प्रमाणित करना पड़ेगा कि हम भारतीय हैं और यदि कोई भारतीय किसी कारण से यह प्रमााणित नहीं कर पाया तो उसे किस प्रकार से रखा जाएगा?’
बघेल ने कहा,’ छत्तीसगढ़ में दो करोड़ 80 लाख लोग हैं और उनमें से आधे से अधिक लोग अपनी नागरिकता प्रमाणित नहीं कर पाएंगे क्योंकि उनके पास जमीन का रिकार्ड नहीं है और कई लोगों के पास जमीन ही नहीं है. उनके पूर्वज पढ़े लिखे नहीं हैं. उनमें से कई दूसरे गांवों या राज्यों में चले गए हैं. वे 50-100 साल का रिकार्ड कहां से लाएंगे. यह अनावश्यक बोझ है.’
उन्होंने कहा ,’यदि घुसपैठिए इस देश में हैं, तो उन्हें पकड़ने के लिए बहुत एजेंसियां हैं. उन्हें पकड़ें और उनके खिलाफ कार्रवाई करें लेकिन इस तरह वे (भाजपा) आम जनता को कैसे परेशान करेंगे.’
महाराष्ट्र: 20 लोग हिरासत में, 300 के खिलाफ मामला दर्ज
महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र के हिंगोली जिले में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में कथित तौर पर सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने और दंगे करने के मामले में 20 लोगों को हिरासत में लिया गया है और अन्य 130 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है.
भदोही में हिंसक प्रदर्शन करने के सिलसिले में 24 गिरफ्तार
नागरिकता कानून के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने के सिलसिले में पुलिस ने शनिवार को यहां 24 लोगों को गिरफ्तार किया.पुलिस अधीक्षक राम बदन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को मार्च निकाल रही भीड़ ने पुलिस पर पथराव किया था और कई वाहन क्षतिग्रस्त कर दिये थे.उन्होंने बताया कि इस संबंध में 27 नामजद और 200 अज्ञात उपद्रवियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।सिंह ने कहा कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. पूरे जिले में सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। स्थिति तनावपूर्ण किन्तु नियंत्रण में है.
उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं : योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से नागरिकता कानून को लेकर फैलाये जा रहे बहकावे में नहीं आने की अपील करते हुए शनिवार को कहा कि उपद्रव और हिंसा की छूट किसी को नहीं दी जा सकती.
योगी ने ट्वीट किया, ‘कानून को हाथ में लेकर उपद्रव और हिंसा करने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती। संशोधित नागरिकता कानून पर फैलाए जा रहे भ्रम और बहकावे में कोई भी न आए.’
उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान करने का दायित्व उत्तर प्रदेश सरकार का है और पुलिस हर व्यक्ति को सुरक्षा प्रदान कर रही है.
मुख्यमंत्री ने जनता से अपील की कि वह अफवाहों पर यकीन नहीं करे और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में न आएं. उन्होंने शांति बहाली की अपील करते हुए पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए है कि वह संशोधित नागरिकता कानून पर अफवाह फैलाकर लोगों को गुमराह करने और हिंसा फैलाने वाले तत्वों का पता लगाए.
योगी ने दोहराया कि जहां भी सार्वजनिक संपत्ति को उपद्रवियों ने क्षति पहुंचायी है, उस संपत्ति की भरपाई, वीडियो फुटेज तथा अन्य पुष्ट प्रमाणों के आधार पर चिह्नित किए जा रहे उपद्रवियों की संपत्तियों को जब्त करके की जाए.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही कह चुके हैं कि संशोधित नागरिकता कानून किसी जाति, मत, मजहब के खिलाफ नहीं है बल्कि यह भारत के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देता है। इसके बाद भी इस प्रकार का हिंसक प्रदर्शन भारत के कानून को नकारने जैसा है.
उत्तर प्रदेश में हिंसक प्रदर्शनों में 11 की मौत
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गयी है जिनमें आठ साल का बच्चा भी शामिल है.
अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि मेरठ जिले से चार लोगों की मौत की खबर है. कानपुर में दो लोगों की मौत हुई है. वाराणसी में प्रदर्शन के दौरान भगदड़ में आठ साल के एक बच्चे की मौत हो गई.
उन्होंने बताया कि जुमे की नमाज के बाद राज्य के विभिन्न जिलों में पुलिस के साथ संघर्ष में छह लोगों की मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और वाहनों को आग लगा दी.
कानपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया कि एक और व्यक्ति की शनिवार को मौत हो गयी. इस प्रकार शुक्रवार से अब तक मरने वालों की संख्या बढकर दो हो गयी है. दोनों मृतकों की पहचान हो गयी है.
अग्रवाल ने बताया कि पूरे शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. विशेषकर संवेदनशील इलाकों में सतर्कता बरती जा रही है. शांति व्यवस्था कायम करने में सहयोग के लिए वरिष्ठ अधिकारी धर्म गुरुओं के संपर्क में हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार देर रात जारी बयान में पूरे प्रदेश में शांति बहाली की अपील करते हुए कहा था कि लोग अफवाहों पर ध्यान नहीं दें और उपद्रवी तत्वों के उकसावे में भी न आएं.
खबर है कि योगी ने लखनफ से बाहर के अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिये हैं। कई जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है।
हिंसक प्रदर्शनों में अब तक बिजनौर में दो, और संभल एवं फिरोजाबाद में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है. जुमे की नमाज के बाद राज्य की राजधानी लखनऊ और अलीगढ़ में कोई हिंसक वारदात नहीं हुई. फिरोजाबाद, भदोही, बहराइच, फर्रूखाबाद, गोरखपुर और संभल सहित लगभग 20 जिलों से हिंसा की खबरें हैं.
हिंसा से प्रभावित अन्य जिले कानपुर, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, अमरोहा, हापुड, हाथरस, बुलंदशहर, हमीरपुर और महोबा हैं।लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, आगरा, अलीगढ़, गाजियाबाद, वाराणसी, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, बरेली, फिरोजाबाद, पीलीभीत, रामपुर, सहारनपुर, शामली, संभल, अमरोहा, मऊ, आजमगढ और सुल्तानपुर सहित कई बडे़ शहरों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई.
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को हिंसक भीड़ द्वारा पुलिस पर गोलियां चलाए जाने की भी खबरें हैं.राज्य के विभिन्न हिस्सों में छह पुलिसकर्मियों को गोली लगी है. एक घायल पुलिसकर्मी की हालत नाजुक है.
भोपाल के शहर काजी ने की नौजवानों से शांति बनाये रखने की अपील
भोपाल के शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ देश और मध्यप्रदेश में हो रहे प्रदर्शनों के मद्देनजर शनिवार को नौजवानों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा कि वे कानून हाथ में न लें तथा ऐसा कोई काम न करें जिससे कौम की बदनामी हो और प्रदेश का माहौल खराब हो.
शहर काजी कहा,’ पिछले दिनों हुकूमते हिन्द ने एनआरसी और सीएए को राज्यसभा और लोकसभा में पास कराया है तभी से हिन्दुस्तान के मुसलमानों और धर्मनिरपेक्ष लोगों में बैचेनी है. मैं नौजवानों को बताना चाहता हूं कि मैं इस सिलसिले में मुख्यमंत्री कमलनाथ और दूसरे प्रदेशों की इस्लामी और धर्मनिरपेक्ष तंजीमों से राब्ता बनाये हुए हूं और हमारी कोशिश है कि इस कानून को जल्द से जल्द रद्द कराया जाये.’ उन्होंने कहा, ‘मेरी नौजवानों से अपील है कि वे शांति बनाये रखें और कानून को अपने हाथ में न लें तथा कोई काम ऐसा न करें जिससे कौम की बदनामी हो और प्रदेश का माहौल खराब हो.’
असम में स्थिति शांतिपूर्ण, डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू में ढील
असम में शनिवार को स्थिति शांतिपूर्ण बनी रही जबकि प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण रैलियां निकालीं.
पुलिस ने बताया कि कानून-व्यवस्था सुधरने के मद्देनजर डिब्रूगढ़ में शनिवार को कर्फ्यू में सुबह छह बजे से 16 घंटे की ढील दी गई.संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों के बाद यहां कर्फ्यू लगा दिया गया था.
राज्य में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने दोपहर में गुवाहाटी में धरना देने का कार्यक्रम बनाया है.
राज्य में नौ दिनों की रोक के बाद शुक्रवार को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल की गईं जबकि ब्रॉडबैंड सेवाएं 18 दिसंबर से फिर से शुरू कर दी गईं थी.
असम पुलिस ने लोगों से सोशल मीडिया पर सूचना पोस्ट करते या साझा करते वक्त सावधानी बरतने की अपील की है और कहा है कि राज्य में शांति एवं सौहार्द बिगाड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कानून को लेकर चिंताओं को व्यर्थ बताया है और कहा है कि वह किसी को भी राज्य के लोगों के अधिकार एवं सम्मान को नुकसान नहीं पहुंचाने देंगे।
मेघालय में इंटरनेट सेवाएं बहाल
मेघालय में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के मद्देनजर पिछले आठ दिन से ठप पड़ी इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है. गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मोबाइल इंटरनेट और व्यापक स्तर पर संदेश भेजने की सेवाओं पर 12 दिसम्बर को रोक लगाई गई थी, जिसे कानून एवं व्यवस्था की स्थिति बेहतर होने के बाद शुक्रवार शाम सात बजे बहाल कर दिया गया.
मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गृह विभाग के अधिकारियों के साथ कानून-व्यवस्था की स्थिति का जायजा लिया और इसके बाद राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और एसएमएस सेवाएं बहाल करने के निर्देश दिए.
अधिकारी ने बताया कि विधानसभा में राज्य में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) लागू करने के लिए केन्द्र से आग्रह करने के एक प्रस्ताव को सर्वसम्मति से गुरुवार को स्वीकार करने के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवाएं और संदेश सेवाओं को बहाल करने का निर्णय लिया गया.
नागरिकता कानून के खिलाफ राज्य में जारी प्रदर्शन के दौरान घायल हुए लोगों से मिलने मुख्यमंत्री शनिवार सुबह एक सरकारी अस्पताल भी पहुंचे.
सभी सामाजिक संगठनों और दबाव बनाने वाले समूहों की शीर्ष इकाई कन्फेडरेशन ऑफ मेघालय सोशल आर्गनाइजेशन (सीओएमएसओ) ने राज्य में इनर लाइन परमिट (आईएलपी) को लागू करने के लिए केन्द्र से आग्रह करने के प्रस्ताव का स्वागत किया है।
सीओएमएसओ के सदस्य अब भी राज्य में प्रदर्शन कर रहे हैं.सीओएमएसओ के प्रमुख आर. खहरजहरिन ने कहा,’हम जब तक प्रदर्शन जारी रखेंगे, जबतक मेघालय को नागरिकता कानून के दायरे से बाहर नहीं किया जाता.’
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ में)