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शुक्रवार, 25 अप्रैल, 2025
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छत्तीसगढ़ में मंत्रिपरिषद ने एनआईएफटी के परिसर को दी मंजूरी

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रायपुर, 17 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ में मंत्रिपरिषद ने राज्य में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) के परिसर के लिए अपनी मंजूरी दे दी है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की बैठक में राज्य के नवा रायपुर में एनआईएफटी के परिसर को मंजूरी प्रदान की गई।

भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपये होगी। इसमें भूमि क्रय के लिए 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है।

उन्होंने बताया कि इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में राज्य के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि एनआईएफटी भारत में फैशन शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना 1986 में भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अधीन हुई थी।

उन्होंने बताया कि एनआईएफटी के पूरे भारत में 17 परिसर हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं।

अधिकारियों ने बताया मंत्रिपरिषद ने परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के संबंध में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल और विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के उन स्थानीय निवासी अभ्यर्थी को परीक्षा शुल्क वापस करने का फैसला किया है जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे।

उन्होंने बताया कि इससे परीक्षा के लिए गंभीर अभ्यर्थी की उपस्थिति बढ़ेगी।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन कर दिया है।

उन्होंने बताया कि अध्यादेश के अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रुपये तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी जिससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।

अधिकारियों ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण के लिए अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इसके लिए शक्कर का क्रय मूल्य 37 हजार रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया है।

उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड’ को राज्य में विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है जिसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आवंटित करने का निर्णय लिया गया है।

भाषा संजीव खारी

खारी

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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