चेन्नई, नौ अक्टूबर (भाषा) तमिलनाडु सरकार ने खांसी के सिरप में मिलावट के मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में दो वरिष्ठ औषधि निरीक्षकों को निलंबित कर दिया है।
यह जानकारी देते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मा. सुब्रमणियन ने बृहस्पतिवार को यह भी बताया कि उस फार्मा कंपनी को स्थायी रूप से बंद करने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी, जिसकी दवा से कथित रूप से कई बच्चों की मौत हुई।
मंत्री ने बताया कि दोनों अधिकारियों को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर पूछा गया था कि उन्होंने पिछले दो वर्षों से श्रीसेन फार्मा की विनिर्माण इकाई का निरीक्षण क्यों नहीं किया। जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया।
सुब्रमणियन ने कहा, “तमिलनाडु पहला राज्य था जिसने खांसी के सिरप (कोल्ड्रिफ) में मिलावट की पुष्टि की और हमने तत्काल केंद्र सरकार, मध्यप्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को इस खतरे की जानकारी दी।”
उन्होंने बताया कि कंपनी को तीन अक्टूबर को ‘उत्पादन रोकने’ का आदेश जारी किया गया और उसका लाइसेंस अस्थायी रूप से रद्द कर दिया गया। सात अक्टूबर को कंपनी के मालिक जी. रंगनाथन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया और आठ अक्टूबर की मध्यरात्रि को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
मंत्री ने कहा कि विस्तृत जांच के आधार पर कंपनी को स्थायी रूप से बंद करने का निर्णय तीन दिनों के भीतर लिया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने कोल्ड्रिफ सिरप की खरीद बंद कर दी है और बाजार में इसकी बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। सुब्रमणियन ने कहा, “हमारी त्वरित कार्रवाई के कारण एक बड़ी त्रासदी टल गई।”
भाषा मनीषा
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