मुंबई, 20 फरवरी (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक सुरेश धस ने महाराष्ट्र सरकार में मंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता धनंजय मुंडे पर बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि वह कृषि मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान 300 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल थे।
धस ने कहा कि मुंडे को मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
परली से विधायक मुंडे पिछले साल दिसंबर में बीड जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देखमुख के अपहरण और हत्या से जुड़े जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मीक कराड की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों के साथ-साथ सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ नेताओं के भी निशाने पर हैं।
आष्टी से विधायक धस ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं राकांपा प्रमुख अजित पवार ने सिंचाई परियोजनाओं के संबंध में आरोप लगने पर मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, “मुंडे ने संदिग्ध लेनदेन की योजना बनाई, जिसमें किसानों या क्षेत्रीय अधिकारियों के अनुरोध के बिना बड़े पैमाने पर खरीद भी शामिल थी। प्रस्ताव भेजे जाते थे और उसी दिन सरकारी अधिसूचना भी जारी कर दी जाती थी। डीबीटी के माध्यम से लेन-देन की राज्य कृषि आयुक्त प्रवीण गेदाम की सिफारिशों को नजरअंदाज किया गया।”
धस ने दावा किया, “उप सचिव संतोष कराड के आदेश के तहत नैनो यूरिया और नैनो डीएपी की खरीद तथा घोंघा संक्रमण को नियंत्रित करने के उपायों के लिए मुख्यमंत्री की मंजूरी से अग्रिम भुगतान किया गया। हालांकि, मुंडे ने किसानों को भुगतान के लिए डीबीटी माध्यम को नजरअंदाज करने का फैसला किया। अग्रिम धनराशि जुटाने के नाम पर, मुंडे ने मुख्य सचिव के अधीन जांच समिति द्वारा इस तरह के निर्णय को मंजूरी देने की अनिवार्यता को अनदेखा कर दिया।”
भाजपा विधायक ने कहा कि कपास जैसी फसलों की कटाई दिसंबर में होती है, लेकिन उनके लिए उर्वरकों की खरीद मार्च में की जाती है और मुंडे ने “घोटाला करने के लिए निविदा प्रक्रिया में हेराफेरी की।”
उन्होंने कहा, “घोटाला नैनो यूरिया के लिए 21 करोड़ रुपये, नैनो डीएपी के लिए 56 करोड़ रुपये, बैटरी के लिए 45 करोड़ रुपये और कपास भंडारण बैग के लिए अधिक दरों पर भुगतान से संबंधित है। मुंडे और उनके सहयोगियों ने कुल 180 करोड़ रुपये हड़पे।”
धस ने कहा कि इस घोटाले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अजित पवार ने अब तक मुंडे का इस्तीफा नहीं मांगा है।
धस से केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के समक्ष विस्तृत शिकायत दर्ज कराने की मंशा भी जाहिर की।
उन्होंने दावा किया कि मुंडे के कार्यकाल में कृषि विभाग में तबादलों और पदोन्नति के लिए 100 करोड़ रुपये का अवैध भुगतान भी किया गया।
महाराष्ट्र में मुंडे जुलाई 2023 से नवंबर 2024 तक कृषि मंत्री पद पर थे।
सामाजिक कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने भी मुंडे और उनके सहयोगियों के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं।
धस ने कहा, “मुंडे कह रहे हैं कि वह दमानिया के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। अगर उन्हें लगता है कि मैं जो आरोप लगा रहा हूं, वह गलत है, तो उन्हें मेरे खिलाफ भी मानहानि का मुकदमा दायर करना चाहिए।”
मुंडे ने कहा है कि उनका सरपंच हत्याकांड और उससे जुड़े जबरन वसूली के मामले से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कृषि मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल में विभाग में अनियमितताओं के आरोपों को भी खारिज किया है।
भाषा पारुल दिलीप
दिलीप
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