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Sunday, 16 June, 2024
होमडिफेंसचीन के साथ गलवान हिंसा का मुद्दा उठाएंगे कोर कमांडर, पैंगोंग और अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति बनाये रखने की करेंगे मांग

चीन के साथ गलवान हिंसा का मुद्दा उठाएंगे कोर कमांडर, पैंगोंग और अन्य क्षेत्रों में यथास्थिति बनाये रखने की करेंगे मांग

लेफ्टिनेंट जनरल हरेंद्र सिंह और उनके चीनी समकक्ष के बीच बैठक सोमवार सुबह एलएसी के चीनी पक्ष में चुशुल-मोल्डाे पर शुरू हुई.

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नई दिल्ली: 14 कोर कमांडर के लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह सोमवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा पिछले हफ्ते लद्दाख के गालवान घाटी में हुए बर्बर हिंसा के मुद्दे को उठाएंगे और पैंगोंग झील, हॉट स्प्रिंग क्षेत्र में यथास्थिति बहाल करने की भी मांग करेंगे, जहां पर चीनियों ने घुसपैठ की थी.

कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल सिंह और उनके चीनी समकक्ष दक्षिण शिनजियांग सैन्य जिले के मेजर जनरल लिन लियू के बीच बैठक सुबह 11.30 बजे वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के चीनी पक्ष पर चुशुल-मोल्डाे बैठक स्थल पर शुरू हुई.

सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने ‘पूर्व नियोजित और नियोजित कार्रवाई’ के मुद्दे को उठाएंगे, जिसके कारण 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए थे.

चीन ने अभी भी अपनी तरफ से हताहतों की पुष्टि नहीं की है. लेकिन सूत्रों ने कहा कि पीएलए के बहुत से सैनिकों को हमले में चोटों का सामना करना पड़ा.

जबकि यह घटना भारतीय क्षेत्र में हुई थी, चीनी वापस गलवान घाटी में अपने क्षेत्र में चले गए. मई के प्रारंभ में तनाव बढ़ने के बाद से कोर कमांडर-स्तर पर यह दूसरी बैठक है.

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यथास्थिति बहाली की मांग 

सूत्रों ने कहा कि एक और मुद्दा जिस पर चर्चा की जाएगी. वह है क्षेत्रों में यथास्थिति बहाल करना, जिसमें चीन द्वारा विशेष रूप से पैंगोंग झील के साथ-साथ चीनी इलाकों में बदलाव देखा गया है, जहां चीन श्रीजाप में अपने बेस से फिंगर 4 में आए हैं.

1962 के युद्ध के बाद भारत के लिए एलएसी फिंगर 8 पर है, तब चीन ने श्रीजाप को ले लिया था, जो कि पहले भारत द्वारा नियंत्रित था. अप्रैल की शुरुआत तक यथास्थिति की बहाली तनाव कम करने का एकमात्र तरीका था.

जैसा कि दिप्रिंट द्वारा रिपोर्ट किया गया है, सरकार ने एंगेजमेंट के नियमों को बदल दिया है और नए नियम सुरक्षा कर्मियों को असाधारण स्थितियों में तोप का उपयोग करने से रोकते नहीं हैं. ताकि चीनी आक्रमण और परिवर्तन का मुकाबला किया जा सके.

भारत पूर्वी लद्दाख में दो लेवल डिवीजन अतिरिक्त सैनिकों और उपकरणों से लैस हो गया है, जिसमें अर्टिलरी और मशीनीकृत कॉलम शामिल हैं.

भारतीय वायु सेना ने अपाचे हमले के हेलीकॉप्टरों, चिनूक हेलिकॉप्टरों को भी लाया है. इसके अलावा कॉम्बैट एयर पेट्रोल को भी बढ़ाया गया है.

हालांकि, नौसेना ने एहतियात के तौर पर हिंद महासागर में अतिरिक्त युद्धपोतों को स्थानांतरित कर दिया है, सूत्रों ने कहा कि नौसेना के लंबी दूरी के निगरानी विमान, P8I को भी क्षेत्र में पुनरावृत्ति करने के लिए तैनात किया गया है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

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