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Saturday, 14 December, 2024
होमदेशकोविड 19 संकट, तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र सरकार भी सीएम से लेकर सी ग्रेड के कर्मियों का काटेगी वेतन

कोविड 19 संकट, तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र सरकार भी सीएम से लेकर सी ग्रेड के कर्मियों का काटेगी वेतन

महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के मद्देनजर सीएम समेत राज्य में जनप्रतिनिधियों के इस महीने के वेतन में 60 प्रतिशत और राज्य के किर्मयों के वेतन में कटौती हो रही.

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मुंबई: कोरोनावायरस संकट के चलते तेलंगाना के बाद महारष्ट्र सरकार ने भी राज्य के प्रतिनिधियों के वेतन में कटौती का फैसला किया है. महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के मद्देनजर मुख्यमंत्री समेत राज्य में जनप्रतिनिधियों के इस महीने के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जायेगी. साथ ही, राज्य के कर्मचारियों के वेतन में भी कटौती की जा रही है.

उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और कर्मचारियों की विभिन यूनियनों से विचार-विमर्श करने के बाद यह निर्णय लिया गया है. वह राज्य के वित्त मंत्री भी है.

पवार ने एक आधिकारिक बयान में घोषणा की कि मुख्यमंत्री, सभी अन्य मंत्रियों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों और स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों के मार्च महीने के वेतन में 60 प्रतिशत की कटौती की जायेगी.

उन्होंने कहा, ‘श्रेणी एक और श्रेणी दो के कर्मचारियों के वेतन में 50 प्रतिशत की कटौती होगी, जबकि तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों के वेतन में 25 प्रतिशत की कटौती होगी. राज्य की नौकरशाही में शेष वर्गों के वेतन में कोई कटौती नहीं की जाएगी.’

उन्होंने कहा कि विभिन्न कर्मचारियों की यूनियनों से विस्तृत चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया.

उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि जन प्रतिनिधि राज्य के वित्त विभाग के साथ सहयोग करेंगे क्योंकि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी इस लड़ाई में राज्य के लिए एक मजबूत वित्तीय समर्थन की जरूरत है.’

पवार ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के कारण राज्य की अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है और लॉकडाउन के बाद संसाधनों की कमी हुई है.

वहीं इससे पहले तेलंगाना की राव सरकार ने सोमवार को 75 फीसदी वेतन में कटौती की घोषणा की थी. राव सरकार ने कहा था कि कोरोनावायरस से आर्थिक संकट के कारण राज्य के सभी मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों की सैलरी में 75 फीसदी की कटौती होगी. साथ ही चतुर्थ श्रेणी के कर्मियों के वेतन को छोड़कर पूर्व कर्मियों और अधिकारियों के वेतन में भी 50 फीसदी की कटौती की गई है.

 

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