नई दिल्ली: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने कहा कि सशस्त्र बल कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में देश की हर मुमकिन सहायता करने के लिए तैयार हैं, उन्होंने यह भी कहा कि इससे सेना की काम करने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी.
दिप्रिंट को दिए एक साक्षात्कार में उनकी टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब सरकार कोरोनोवायरस प्रकोप से लड़ने के लिए सेना, वायु सेना और नौसेना के संसाधनों और विशेषज्ञता का तेजी से उपयोग कर रही है, कोरोना के कारण देशव्यापी लॉकडाउन 21 दिनों तक हुआ है.
उन्होंने कहा, ‘हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि हमारा मुख्य उद्देश्य पहले राष्ट्र है – हर काम देश के नाम.’
जनरल रावत ने कहा कि जब भी सिविल अथॉरिटी द्वारा सहायता प्रदान करने को कहा जाता है तब सशस्त्र बल मदद के लिए तैयार रहती है उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमने अपना पूरा जोर लगाने और सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने का फैसला किया है. भले ही हमारे लोगों को असुविधा हो तब भी स्वास्थ्य और स्वच्छता के मुद्दों पर समझौता किए बिना हम मदद के लिए तैयार हैं.’
कोरोनॉयरस के कारण उत्पन्न चुनौतियों के बारे में सेना की प्रतिक्रिया का नेतृत्व कर रहे सीडीएस ने कहा कि सशस्त्र बल सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ निरंतर संपर्क में हैं ताकि यदि सहायता की अतिरिक्त आवश्यकता हो तो वे प्रभावी ढंग से मदद दे सकें.
विशेष रूप से यह पूछे जाने पर कि क्या कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में सेना को अधिक तैनात किया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘सशस्त्र बल कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्र की सहायता करने के लिए तैयार हैं.’
सेनाएं दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन कर रही हैं
जनरल रावत ने यह भी कहा कि सेनाएं प्रधान मंत्री कार्यालय(पीएमओ), स्वास्थ्य मंत्रालय और स्वयं के चिकित्सा अधिकारियों द्वारा प्रचारित किए जा रहे सभी निर्देशों और दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन कर रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘वायरस किसी सैनिक और आम नागरिक में फर्क नहीं करते हैं. हालांकि, हमारे कर्मचारी अनुसाशन का पालन करते हैं और इसलिए प्रभावित होने की संभावना कम होती है.
उन्होंने कहा कि सेनाओं ने निर्देशों को रद्द करने, छुट्टी पर प्रतिबंध, जहां भी संभव हो घर से काम करने, सोशल डिस्टैन्सिंग और सभी कर्मियों और परिवारों के उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता सुनिश्चित करने जैसे कई उपाय किए गए हैं. यह वायरस के प्रसार को रोकने में मदद करेगा.
यह पूछे जाने पर कि क्या वायरस ने ऑपरेशनल तैयारियों को प्रभावित किया है, उन्होंने कहा कि सर्विस चीफ हर समय ऑपरेशनल तैयारियों को बनाए रखने में अपनी भूमिकाओं और कार्यों से अवगत होते हैं. उन्होंने कहा, ‘यह उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है.’
चिकित्सा के आधारभूत ढांचे को सुधारना
जनरल रावत ने कहा कि सैन्य अस्पतालों में चिकित्सा सुविधाओं की क्षमता बढ़ाने सहित बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं. उच्च संक्रमण वाले क्षेत्रों में कोविड-19 अस्पतालों की स्थापना के लिए सेना के अस्पतालों को स्टैंडबाय पर रखा गया है. उत्तरदायी और क्विक रिएक्शन मेडिकल टीमें सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हैं.
उन्होंने कहा, इसके अलावा, सैन्य अस्पतालों और प्रयोगशालाओं की सेवाओं को आवश्यकता पर सिविल एडमिनिस्ट्रेशन की सहायता के लिए बढ़ाया गया है.
सीडीएस ने बताया कि सरकार के सभी अंगों के बीच उत्कृष्ट तालमेल है और मौजूदा कोविड-19 स्थिति से उत्पन्न किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तीन सेवाएं तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘हमारे नागरिकों के बीच वायरस के प्रसार को रोकने के लिए दिए गए दिशानिर्देशों का पालन करना महत्वपूर्ण है. उन क्षेत्रों, जहां संक्रमित लोगों की अधिक संख्या हैं, से लोगों का बड़ी संख्या में पलायन कम प्रभावित क्षेत्रों में केवल समस्या को जटिल करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस तरह की स्थिति हमेशा नहीं रहेगी. सभी को कुछ असुविधा के लिए तैयार रहना पड़ता है जो कि हमारी सुरक्षा और कल्याण के लिए लगाए गए प्रतिबंधों के कारण होती हैं.
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