मंदसौर : कोविड-19 लॉकडाउन में ढील के बाद धर्मस्थलों को खोले जाने के बाद मध्यप्रदेश के मंदसौर में प्रसिद्ध अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में घंटी को इस संक्रमण के मद्देनजर स्पर्श से बचाने के लिए सेंसर युक्त कर दिया है.
इससे यहां आने वाले भक्त अब पहले की तरह मंदिर की घंटी बजा सकेंगे और इसके लिए अब उन्हें इस घंटी को छूने की जरूरत भी नहीं होगी. मंदिर में फिर से घंटी बजने से अब भक्त खुश हैं.
इस घंटी को बजाने के लिए उसे 62 वर्षीय एक मुसलमान ने सेंसर सुविधा से लैस किया है. मध्यप्रदेश में मंदिर कड़े दिशानिर्देश के तहत खुले हैं और दिशानिर्देश के अनुसार श्रद्धालु घंटी नहीं बजा सकते हैं.
अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में घंटी को सेंसर युक्त करने वाले 62 वर्षीय नाहरु खान मेव ने बताया, ‘लॉकडाउन के बाद धार्मिक स्थल खुलने के बाद जब मैंने देखा कि मस्जिदों में अजान हो सकती है तो मंदिरों में भी घंटी बजनी चाहिए. इसी बात को ध्यान में रख कर मैंने इन्दौर से सेंसर मंगवाया और अपने यहां कारखाने पर करीब 6,000 रूपये की लागत से एक यंत्र तैयार कर उसे इस मंदिर में भक्तों के द्वारा हाथ से बजाए जाने वाली घंटी पर लगा दिया.’
उन्होंने कहा, ‘भक्त जैसे ही इस घंटी के नीचे करीब डेढ़ फीट हाथ ले जाएंगे तो सेंसर की मदद से घंटी बज उठती है. इसके साथ ही भक्त यदि ऊपर देखे या हाथ जोड़ कर भी खड़ा होगा तब भी यह घंटी बजने लगेगी.’ कक्षा दूसरी तक पढ़े मेव ने बताया, ‘मैंने यह यंत्र अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर को भेंट किया है.’ उन्होंने कहा कि इससे इस मंदिर में आने वाले भक्त खुश हैं, क्योंकि वे बिना छुए मंदिर में लगे इस घंटी को बजा सकते हैं.
मंदसौर के जिलाधिकारी और मंदिर न्यास के अध्यक्ष मनोज पुष्प ने कहा, ‘इस घंटे से न केवल धार्मिक उद्देश्य की पूर्ति होती है बल्कि केंद्र के दिशानिर्देश भी पूरे होते हैं.’ मेव ने बताया, ‘मैं चाहता हूं कि देश के अन्य मंदिरों में भी इस प्रकार के सेंसर युक्त घंटियां लगें, ताकि मंदिरों में आने वाले भक्त कोरोनावायरस के इस दौर में भी मंदिरों में घंटियां बजा सकें.’
अष्टमुखी श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर कोरोना वायरस के संकट के कारण 76 दिन बंद रहने के बाद भक्तों के लिए आठ जून को फिर से खुला है.