मुंबई, 23 सितंबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि सहकारी क्षेत्र ‘अप्रासंगिक नहीं’ है, लेकिन अतीत में राजनीतिक हस्तक्षेप से इसे नुकसान पहुंचा है।
उन्होंने दावा किया कि सहकारी क्षेत्र को कृषि मंत्रालय से अलग करने के नरेन्द्र मोदी सरकार के फैसले से इस क्षेत्र को जबरदस्त बढ़ावा मिला।
गृह मंत्रालय के साथ सहकारी विभाग भी संभालने वाले शाह ने मुंबई विश्वविद्यालय में लक्ष्मण राव इनामदार मेमोरियल व्याख्यान में यह टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि सहकारिता एक मानव-केंद्रित मॉडल है, जहां न्यूनतम पूंजी वाले लोग एक साथ आकर अर्थव्यवस्था में योगदान कर सकते हैं और उन लोगों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, जिन्हें अधिक धन तक पहुंच हासिल है।
शाह ने यह भी कहा कि मोदी सरकार करीब 60 करोड़ लोगों को मुख्यधारा में लेकर आई, जिनके पास बैंक खाते नहीं थे और जो अनौपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा थे।
उन्होंने कहा कि सहकारी आंदोलन को आधुनिक प्रौद्योगिकियों को आत्मसात करना चाहिए और ‘बड़े पैमाने पर उत्पादन एवं जनता द्वारा उत्पादन’ की आवश्यकता है।
भाषा पारुल माधव
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