गांधीनगर, 12 मार्च (भाषा) गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री के तौर पर अपने कार्यकाल में राज्य की कानून व्यवस्था में सुधार को लेकर किए गए उपायों के चलते वहां दोषसिद्धि की दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
शाह ने कहा कि मोदी द्वारा उठाए गए कदमों, मसलन-पुलिस थानों के कंप्यूटरीकरण और सुरक्षा एवं कानून व्यवस्था पर केंद्रित विश्वविद्यालयों की स्थापना के चलते 2012 में गुजरात में दोषसिद्धि दर में 22 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
उन्होंने कहा, “2001 में गुजरात के मुख्यमंत्री पद का कार्यभार संभालने के बाद मोदी ने राज्य की पुलिस प्रणाली में एक समग्र दृष्टिकोण लाने का फैसला किया, जो (प्रणाली) अंग्रेजों के समय से ज्यादा नहीं बदली थी और लोग भी इसे सिर्फ रोजगार के साधन के रूप में देख रहे थे। मोदी ने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहला काम पुलिस बल का आधुनिकीकरण किया।”
गृहमंत्री गांधीनगर के लवाड गांव में राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (आरआरयू) के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि पुलिस के आधुनिकीकरण से जुड़े अभियान के तहत हर पुलिस थाने को कंप्यूटर दिए गए और उन्हें इंटरनेट से जोड़ा गया।
शाह ने बताया कि एक सॉफ्टवेयर बनाने के लिए पेशेवर फर्म की सेवाएं ली गई थीं, जो अभी भी बिना किसी दिक्कत के काम कर रहा है और तकनीक की समझ रखने वाले कॉन्स्टेबलों को सॉफ्टवेयर के संचालन के लिए प्रशिक्षण दिया गया था।
गृहमंत्री ने कहा, “मोदी ने इसके बाद गुजरात राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय की स्थापना की, जो देश का सर्वश्रेष्ठ विधि विश्वविद्यालय है। इसके बाद आरआरयू और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय स्थापित किया गया।”
शाह ने कहा, “कानून और व्यवस्था के तीनों पहलुओं में युवाओं को प्रशिक्षित करने का विचार था। मोदी के इन प्रयासों के चलते ही 2012 में गुजरात की दोषसिद्धि दर में 22 फीसदी की वृद्धि देखी गई।”
गृहमंत्री ने उम्मीद जताई कि आरआरयू अपने आधार का विस्तार करेगा और देश के विभिन्न हिस्सों में नए परिसरों की स्थापना करेगा।
भाषा पारुल पवनेश
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