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Wednesday, 13 August, 2025
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पृथ्वीराज चव्हाण और आव्हाड की ‘सनातनी आतंकवाद’ टिप्पणी पर विवाद, भाजपा का पलटवार

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मुंबई, तीन अगस्त (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण की ‘भगवा आतंकवाद’ के स्थान पर ‘सनातनी या हिंदू आतंकवादी’ शब्द के प्रयोग का सुझाव देने वाली टिप्पणी और राकांपा (शरद चंद्र पवार) विधायक जितेंद्र आव्हाड के ‘सनातनी आतंकवाद’ संबंधी टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में विवाद उत्पन्न हो गया है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी प्रतिक्रिया जतायी है।

वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद चंद्र पवार) के एक अन्य नेता रोहित पवार ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की तुलना रविवार को पहलगाम आतंकवादी हमले के हमलवरों से की।

साल 2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में सभी सात आरोपियों को एक एनआईए अदालत द्वारा बरी किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री चव्हाण ने कहा, ‘मैं अनुरोध करता हूं कि ‘भगवा आतंकवाद’ शब्द का इस्तेमाल न करें। अगर आपको कहना ही है, तो ‘सनातनी आतंकवादी’ या ‘हिंदू आतंकवादी’ कहें।’

हालांकि, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद की कोई जाति या धर्म नहीं होता। चव्हाण की बात दोहराते हुए आव्हाड ने शनिवार को कहा, ‘सनातनी आतंकवाद को स्वीकार किया जाना चाहिए।’

उन्होंने ‘एक्स’ पर कहा, ‘यह कोई हाल की घटना नहीं है; यह प्राचीन काल से अस्तित्व में है।’

आव्हाड ने विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं का हवाला दिया। उनके अनुसार, विचारकों और सामाजिक सुधारकों को सताया गया था और ऐसे लोगों को उन्होंने ‘सनातनी आतंकवादी’ बताया।

आव्हाड ने आरोप लगाया, ‘‘जिन्होंने भगवान बुद्ध को परेशान किया, बौद्ध भिक्षुओं की हत्या की, छत्रपति शिवाजी महाराज के राज्याभिषेक का विरोध किया और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ षड्यंत्र रचा, वे सभी सनातनी आतंकवादी थे।’’

उन्होंने आरोप लगाया, ‘जिन लोगों ने सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंका, महात्मा फुले का बहिष्कार किया, गोविंद पानसरे, नरेंद्र दाभोलकर, एम एम कलबुर्गी और गौरी लंकेश पर हमला किया और शोषितों को पानी देने से इनकार किया, वे सनातनी आतंकवादी थे।’

आव्हाड ने दावा किया कि जिन लोगों ने महात्मा गांधी को प्रार्थना के लिए जाते समय गोली मारी थी और जो लोग मनुस्मृति को डॉ. आंबेडकर द्वारा लिखे गए संविधान से अधिक महत्वपूर्ण मानते हैं, वे भी वही (सनातनी आतंकवादी) हैं।

रविवार को रोहित पवार ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किये।

पवार ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘चाहे महात्मा गांधी की हत्या करने वाला नाथूराम गोडसे हो या पहलगाम हमले के अपराधी, आतंकवाद की जड़ चरमपंथी विचारधारा में निहित है। आतंकवाद का कोई रंग नहीं होता, केवल कट्टरपंथी विचार ही इसका आधार है।’

उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म ने सदैव समानता, मानवता और संतों की शिक्षाओं का समर्थन किया है, तथा इस बात पर बल दिया कि मनुस्मृति पर आधारित परंपरा हिंदू धर्म का हिस्सा नहीं हो सकती। पवार ने कहा, ‘हमने अतीत में मनुस्मृति को जलाया, हम आज भी इसे जलाते हैं और हम भविष्य में भी इसे जलाते रहेंगे।’

वरिष्ठ नेता शरद पवार के पोते रोहित पवार ने किसानों, महिलाओं और युवाओं से संबंधित विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर तथाकथित हिंदुत्ववादी नेताओं की ‘चुप्पी’ पर सवाल उठाया।

उन्होंने सवाल किया, ‘आज किसान संकट में हैं, महिला सुरक्षा और बेरोजगारी गंभीर मुद्दे हैं। तथाकथित हिंदुत्ववादी नेता इन पर आवाज क्यों नहीं उठाते? क्या उन्हें आत्महत्या करते हिंदू किसान या नौकरी के लिए भटकते हिंदू युवा नहीं दिखते?’

पलटवार करते हुए महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने रविवार शाम को आव्हाड और पवार पर ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ के लिए ‘हिंदूओं के खिलाफ घृणा’ फैलाने का आरोप लगाया।

उपाध्याय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “पवार और आव्हाड की हिंदू घृणा और तुष्टिकरण की राजनीति थमने का नाम नहीं ले रही है। वे जो उदाहरण देते हैं, उनका हिंदू समुदाय समर्थन नहीं करता। दरअसल, उन लोगों को अपराधी माना जाता है। लेकिन आव्हाड ही थे जिन्होंने कभी इशरत जहां जैसी आतंकवादियों का महिमामंडन किया था। क्या आप बटला हाउस को भूल गए हैं, जहां एक मुठभेड़ में आतंकवादी मारे गए थे और सोनिया गांधी कथित तौर पर रो पड़ी थीं?’

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने आतंकवाद को भगवा रंग से जोड़ने की कोशिश की, जो बलिदान का प्रतीक है। उन्होंने कहा, ‘यह हिंदुओं को आतंकवादी बताने का एक प्रयास था।’

भाजपा नेता ने आव्हाड से सवाल किया कि क्या वह मुस्लिम आतंकवादियों का जिक्र करेंगे और पहलगाम में हिंदुओं की क्रूर हत्या की निंदा करेंगे।

उन्होंने कहा, ‘आपने बार-बार ‘सनातनी आतंकवादी’ शब्द का इस्तेमाल किया है। क्या आप एक बार मुस्लिम आतंकवादियों का ज़िक्र कर सकते हैं और पहलगाम में हिंदुओं की हत्या करने वालों की निंदा कर सकते हैं? आप सनातन धर्म को बदनाम करने में तो तत्पर रहते हैं, लेकिन मुस्लिम आतंकवादियों का नाम लेने से हिचकिचाते हैं। इशरत जहां का महिमामंडन करने वालों को सनातन धर्म के बारे में बात करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।’

उन्होंने रोहित पवार पर हिंदू आतंकवाद का विमर्श गढ़ने का प्रयास करने का आरोप लगाया।

भाजपा नेता ने कहा, ‘क्या आपको हिंदुओं की याद तब आई जब (पुणे ज़िले के कस्बे) दौंड में उनके उपासना स्थल को अपवित्र किया गया? जब आपकी सरकार (एमवीए) ने हनुमान चालीसा पढ़ने के लिए नवनीत राणा को जेल में डाल दिया, तब क्या आपको हिंदुओं की याद आई? अब आपको हिंदू आतंकवाद का विमर्श फैलाने के लिए हिंदू किसानों और युवाओं की याद आ रही है। लोग इस पाखंड में नहीं फंसेंगे। हिंदू समुदाय आपका असली चेहरा देख रहा है।’

भाषा नोमान अमित

अमित

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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