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Monday, 23 December, 2024
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एमपीपीएससी परीक्षा में भील समाज पर पूछे गए सवाल पर विवाद, भाजपा विधायक ने भी दिया एग्जाम

परीक्षा में शामिल हुए विधायक राम दांगोरे ने दिप्रिंट से कहा,' यह पूरे समुदाय का समुदाय का अपमान है. परीक्षा में इस तरह के सवाल कैसे पूछे जा सकते है. हमें टारगेट किया जा रहा है.'

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा (एमपीपीएससी) की प्रारंभिक परीक्षा में भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवाल पर विवाद खड़ा हो गया है. इसमें भीलों को आपराधिक प्रवृत्ति का बताया गया है. वहीं लिखा गया है कि भील धन उर्पाजन के लिए गैर वैधानिक व अनैतिक काम में सं​लिप्त हैं. राज्य में भील समाज और सोशल मीडिया पर लोग  जिम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग उठा रहे हैं.

प्रश्न पत्र में भील जनजाति को लेकर पूछे गए सवाल को भाजपा ने आपत्तिजनक बताया है. परीक्षा में शामिल हुए विधायक राम दांगोरे ने दिप्रिंट से कहा, ‘यह पूरे समुदाय का अपमान है. परीक्षा में इस तरह के सवाल कैसे पूछे जा सकते हैं. हमें टारगेट किया जा रहा है.’

इस मामले में एमपीपीएससी के चैयरमैन डॉ.भास्कर चौबे ने कहा,’ प्रश्न पत्र बनाने वाले और उसकी पुष्टि करने वालों (मॉडरेटर) को नोटिस जारी किया गया है. 7 दिन के अंदर उनसे जवाब तलब किया गया है.’

रविवार को पूरे प्रदेशभर में एमपीपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा आयोजित हुई. इसमें जनरल एप्ट्यिूट के पेपर में गद्यांश के आधार पर प्रश्न पूछे गए जिसमें भील जनजाति को लेकर भी एक गद्यांश था. इसमें लिखा गया है कि भीलों की आपराधिक प्रवृत्ति का एक कारण यह भी है कि सामान्य आय से अपनी देनदारियां पूरी नहीं कर पाता. फलत: धन उपार्जन की आशा में वह गैर वैधानिक व अनैतिक काम करने में भी शामिल हो जाता है.


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मध्य प्रदेश के पंधाना से भाजपा विधायक राम दांगोरे भी रविवार को खंडवा के सिविल लाइन क्षेत्र में सुंदरबाई गुप्ता कन्या शाला के परीक्षा केंद्र में एमपीपीएससी की परीक्षा देने पहुंचे. परीक्षा के बाद विधायक दांगोरे ने परीक्षा में भील समाज को लेकर पूछे गए प्रश्न पर आपत्ति ज़ाहिर की.

मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग (एमपीपीएससी) के प्रश्नपत्र में भील जनजाति पर दिया गया गद्यांश

राम दांगोरे ने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं क्षेत्र के बच्चों को लोक सेवा आयोग की नि:शुल्क तैयारी कराता हूं. एक शिक्षक होने के नाते यह जानना बहुत ज़रूरी होता है कि परीक्षा के दौरान छात्र किस तरह के डर का सामना करते हैं. परीक्षा में जो प्रश्न भील समाज को लेकर आया है वह बहुत ही आपत्तिजनक है.’

दांगोरे ने राज्य के सीएम कमलनाथ को भी आड़े हाथों लिया है. उन्होंने कहा, ‘राज्य की सबसे बड़ी इस जाति की उपेक्षा की गई है. इस परीक्षा में भील समुदाय के जीवन चक्र का उल्लेख किया गया है. वह बेहद ही शर्मिंदगी करने वाला है. मेरी मांग है कि इसके लिए राज्य के सीएम और मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग मांफी मांगे. मैं इस संबंध में खंडवा शहर के थाने में एफआईआर भी दर्ज कराऊंगा. साथ ही सरकार के​ खिलाफ धरना भी दूंगा.’

पंधाना से विधायक राम दांगोरे पेशे से शिक्षक हैं. वह अपने क्षेत्र में सुपर 30 की तरह पीएएससी की कोचिंग चलाते हैं. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘इस परीक्षा के माध्यम से उनका मुख्य मकसद मध्य प्रदेश राज्य प्रशासनिक सेवा के परीक्षा के पैटर्न को देखना था.’


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इस मामले में व्यापम घोटाल के व्हिसलब्लोअर डॉ. आनंद राय ने ट्वीट कर एट्रोसिटी एक्ट के तहत ज़िम्मेदारों पर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की है. वहीं सरकार से ज़िम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है.

एसीएसटी एक्ट के तहत हो मुकदमा दर्ज

मध्य प्रदेश में आदिवासियों के संगठन जयस के नेता और कांग्रेस विधायक हीरालाल अलावा ने दिप्रिंट से कहा, ‘इस मामले में राज्यपाल और राज्य के सीएम को पत्र लिखा है. हमने मांग की है कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष और सचिव को तत्काल बर्खास्त किया जाए. वहीं दो​षी अधिकारियों पर एसीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज करवाई जाए.’

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