scorecardresearch
Thursday, 26 December, 2024
होमदेशकुतुब मीनार में गणेश प्रतिमा को लेकर बढ़ा विवाद, बीजेपी नेता बोले- परिसर में सम्मानपूर्वक रखी जाएं मूर्तियां

कुतुब मीनार में गणेश प्रतिमा को लेकर बढ़ा विवाद, बीजेपी नेता बोले- परिसर में सम्मानपूर्वक रखी जाएं मूर्तियां

तरुण विजय ने कहा परिसर में मूर्तियों को अभी काफी अपमानजनक जगह पर रखा गया है... मूर्तियों को हटा दिया जाना चाहिए या कुतुब परिसर के अंदर सम्मानपूर्वक रखा जाना चाहिए.

Text Size:

नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी नेता तरुण विजय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कुतुब मीनार परिसर में ‘अपमानजनक’ तरीके से रखी गई गणेश मूर्तियों को या तो हटा दिया जाना चाहिए या उन्हें ‘सम्मानपूर्वक’ स्थापित किया जाना चाहिए.

पूर्व सांसद विजय ने कहा कि उन्होंने एक साल से भी अधिक समय पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था, लेकिन अभी तक उनके पत्र का कोई उत्तर नहीं मिला है.

उन्होंने कहा, ‘मूर्तियों को अभी काफी अपमानजनक जगह पर रखा गया है… मूर्तियों को हटा दिया जाना चाहिए या कुतुब परिसर के अंदर सम्मानपूर्वक रखा जाना चाहिए.’

उन्होंने एक ट्वीट में सवाल किया कि उन 27 मंदिरों का क्या हुआ, जिनके बारे में माना जाता है कि वे परिसर के अंदर स्थित थे. उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘… हिंदुओं को अपमानित करने के लिए गणेश मूर्ति को क्यों उल्टा रखा गया. तीर्थंकर, यमुना, दशावतार, कृष्ण का जन्म और नवग्रह की मूर्तियां कभी आगंतुकों को नहीं दिखाई गईं.’

भाजपा नेता ने कहा कि इस तरह की गलतियों को सुधारना ‘उपनिवेशवाद के खिलाफ लड़ने’ का एक तरीका है.

भगवान गणेश की दो मूर्तियां – ‘उल्टा गणेश’ और ‘पिंजरे में गणेश’ – 12 वीं शताब्दी के स्मारक के परिसर में स्थित हैं. यूनेस्को ने 1993 में इसे विश्व धरोहर स्थल नामित किया था.

विजय ने कहा, ‘जो हुआ, वह सांस्कृतिक नरसंहार है और इसे पलटना होगा.’

बता दें कि केंद्र सरकार की संस्था राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं हटाना चाहती है. एनएमए की ओर से इस बाबत भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण को पत्र भी लिखा गया है. एएसआई पुरातात्त्विक स्थलों की देखरेख, संरक्षण समेत अन्‍य काम करती है. एनएमए ने अपने पत्र में एएसआई से आग्रह किया है कि कुतुब मीनार परिसर में रखी प्रतिमाओं को सम्मानपूर्वक राष्ट्रीय संग्रहालय में रखवा दिया जाए.

इसकी पुष्टि करते हुए एनएमए के प्रमुख तरुण विजय ने ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ से बातचीत के दौरान कहा, ‘मैंने इस स्थल का कई बार दौरा किया. वहां मुझे अहसास हुआ कि भगवाण गणेश की प्रतिमाओं के लिए यह सम्मानजनक स्थल नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद हमने ब्रिटिश राजा और रानी की मूर्तियां इंडिया गेट से हटवा दी थीं. ऐसी कई सड़कों के नाम बदल दिए, जो गुलामी के दौर की याद दिलाते थे. अब हमें मुगलों द्वारा किए गए जातीय-संहार के दौर को बदलने के लिए काम करना चाहिए. अपने गौरव, अपनी पहचान की पुनर्स्थापना करनी चाहिए.’

इस संबंध में एएसआई की ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है. गौरतलब है कि तरुण विजय भारतीय जनता पार्टी के नेता हैं. इस वक्त वे राज्यसभा सदस्य हैं. पूर्व में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के संपादक भी रह चुके हैं. यहीं एक और जिक्र किया जा सकता है कि एनएमए की स्थापना 2011 में की गई थी. देश के विभिन्न स्मारकों और उनसे जुड़े स्थलों का संरक्षण, संवर्धन इस संस्था का काम है.


य़ह भी पढ़ें: आंध्र प्रदेश में मुसलमान कर्मचारियों को मिली खास छूट, रमजान तक ऑफिस से एक घंटा पहले मिलेगी छुट्टी


 

share & View comments