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Wednesday, 17 December, 2025
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भाजपा की बंगाल इकाई की बैठक के आयोजन स्थल के चयन को लेकर छिड़ा विवाद

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कोलकाता, नौ जून (भाषा) केन्द्र सरकार द्वारा संचालित नेशनल लाइब्रेरी को पश्चिम बंगाल में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक के लिए चुने जाने पर एक बड़ा विवाद उत्पन्न हो गया।

नेशनल लाइब्रेरी की स्थापना ब्रिटिश शासन ने 1891 में की थी। यह अलीपुर में स्थित है और इसे एशिया के सबसे बड़े पुस्तकालयों में एक माना जाता है।

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ-साथ कांग्रेस ने भी कल आयोजित इस बैठक को लेकर भाजपा की कटु आलोचना की है।

गौरतलब है कि माकपा पश्चिम बंगाल में भाजपा को मुख्य विपक्षी पार्टी की भूमिका से बाहर करने का प्रयास कर रही है।

माकपा नेता सुजान चक्रवर्ती ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह भाजपा का आधिपत्य वाला तौर-तरीका है जिसके तहत उसे लगता है कि केन्द्र सरकार की सभी संपत्ति उसी की है।’’

कांग्रेस ने भी भाजपा पर निशाना साधा। पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने इसे संस्थान का राजनीतिकरण करने की साजिश बताया।

भट्टाचार्य ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण घटना है कि एक राजनीतिक दल नेशनल लाइब्रेरी में बैठक कर रहा है। आजकल तो विक्टोरिया मेमोरियल हॉल में भी राजनीतिक बैठकें होने लगी हैं। यह उनका राजनीतिकरण करने की साजिश है। यह भारत के लोकतंत्र के लिए नुकसानदेह है।’’

कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य ने कहा कि वह इस संबंध में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के समक्ष विरोध दर्ज कराएंगे।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘मुझे नड्डा से आशा नहीं थी कि वह नेशनल लाइब्रेरी में बैठक करेंगे। मैं उनसे जरूर कहूंगा कि यह राजनीतिक बैठकें करने की जगह नहीं है।’’

वहीं, तृणमूल कांग्रेस की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष जयप्रकाश मजूमदार ने कहा, ‘‘उन्होंने पार्टी की बैठक करने के लिए नियमों को तोड़ा-मरोड़ा है। उन्होंने सामाजिक संगठन के नाम पर अनुमति ली।’’

उन्होंने नेशनल लाइब्रेरी का संचालन करने वाले संस्कृति मंत्रालय से सवाल किया कि उसने आखिर भाजपा की राजनीतिक बैठक के लिए जगह कैसे दे दी।

इस पूरे मुद्दे पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि पार्टी को बैठक कहां करनी है इसपर तृणमूल कांग्रेस से सीख लेने की जरूरत नहीं है।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या हमने कभी सवाल किया कि तृणमूल कांग्रेस ने सरकारी सभागारों में पार्टी के कार्यक्रम क्यों किए।’’

वहीं, संपर्क करने पर नेशनल लाइब्रेरी के महानिदेशक ए. पी. सिंह ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘मैं इसपर टिप्पणी नहीं कर सकता क्योंकि मैंने हाल ही में पदभार संभाला है। मैं इस पर विचार करूंगा।’’

भाषा अर्पणा सुभाष

सुभाष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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