चिकबलपुर, सात अगस्त (भाषा) कर्नाटक के चिकबलपुर में जिला पंचायत के तहत वाहन चालक के रूप में कार्यरत 35 वर्षीय संविदा कर्मचारी ने बृहस्पतिवार सुबह उपायुक्त कार्यालय परिसर में एक पेड़ से कथित तौर पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद भाजपा के सांसद के सुधाकर और दो अन्य व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने यह जानकारी दी।
पुलिस ने बताया कि मृतक एम बाबू ने कथित तौर पर एक ‘सुसाइड नोट’ छोड़ा है, जिसमें उसने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद के. सुधाकर और दो अन्य लोगों का नाम लेते हुए आरोप लगाया है कि वे उसकी मौत के लिए जिम्मेदार हैं।
अधिकारी के मुताबिक, बाबू पिछले छह-सात वर्षों से जिला पंचायत में संविदा चालक के रूप में काम कर रहा था और वर्तमान में मुख्य लेखा अधिकारी के साथ बतौर चालक संबद्ध था।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) कुशल चौकसे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “चिकबलपुर उपायुक्त कार्यालय परिसर में आज सुबह एक व्यक्ति के आत्महत्या करने की सूचना मिली। हमें सुबह करीब साढ़े आठ बजे जानकारी मिली कि किसी ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली है।”
चौकसे ने शुरुआती जांच का हवाला देते हुए बताया कि बाबू ने अपनी पत्नी से कहा कि उसे एक अधिकारी को बैठक के लिए ले जाना है और सरकारी गाड़ी लेकर घर से निकल गया। उन्होंने बताया कि हालांकि, बाबू अधिकारी के पास जाने के बजाय डीसी कार्यालय परिसर पहुंचा और कथित तौर पर आत्महत्या कर ली।
चौकसे ने कहा, “हमें घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें कई नामों का जिक्र है। हम आरोपों की जांच कर रहे हैं। सभी संभावित पहलुओं से मामले की तफ्तीश कर रहे हैं।”
एक अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुसाइड नोट में भाजपा सांसद सुधाकर, जिला पंचायत के लेखा सहायक और नागेश नामक व्यक्ति का नाम शामिल है।
अधिकारी के अनुसार, सुसाइड नोट में बाबू ने आरोप लगाया है कि नागेश और लेखा सहायक ने यह दावा करते हुए “उससे लाखों रुपये की धोखाधड़ी की” कि वे “सांसद के प्रभाव का इस्तेमाल कर” सरकारी नौकरी हासिल करने में उसकी मदद कर सकते हैं।
अधिकारी ने कहा, “आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं। गहन जांच से पता चलेगा कि सांसद सीधे तौर पर इसमें शामिल थे या उनके नाम का दुरुपयोग किया गया था। हम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं।”
मामले की विस्तृत जांच जारी है।
उन्होंने कहा कि बाबू की पत्नी की शिकायत के आधार पर चिकबलपुर ग्रामीण थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने समेत भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं और एससी एसटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
प्राथमिकी में भाजपा सांसद सुधाकर का नाम आरोपी नंबर एक, नागेश का आरोपी नंबर दो और मंजूनाथ का नाम आरोपी नंबर तीन के तौर पर दर्ज किया गया है।
इस बीच, भाजपा सांसद सुधाकर ने घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि उन्हें बाबू की मौत से गहरा दुख पहुंचा है। हालांकि, उन्होंने मृतक से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार किया।
सुधाकर ने कहा, ‘‘मुझे चिक्काबल्लापुरा में उपायुक्त कार्यालय में एक व्यक्ति के आत्महत्या करने के बारे में पता चला। इससे मुझे गहरा दुख हुआ है। मैं मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। मैंने उस व्यक्ति (बाबू) को न तो कभी देखा और न ही कभी उससे मिला।’’
पूर्व मंत्री और तीन बार विधायक रह चुके सुधाकर ने कहा कि उन्होंने कई युवाओं को रोजगार दिलाने में मदद की है और उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ‘सुसाइड नोट’ में उनका नाम क्यों लिखा गया।
भाजपा सांसद ने कहा, “मुझे (सुसाइड) नोट में नामजद अन्य दो व्यक्तियों के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मैंने सुना है कि नागेश और मंजूनाथ ने बाबू को कथित तौर पर नौकरी दिलाने का वादा किया था और उससे 10-15 लाख रुपये लिये थे। मैं उन्हें (नागेश और मंजूनाथ को) व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता।”
सुधाकर ने कहा कि नागेश के ससुर जद(एस) के पूर्व तालुक पंचायत अध्यक्ष थे, जो बाद में भाजपा में शामिल हो गए।
उन्होंने कहा, “हमने उन्हें (नागेश के ससुर को) चिक्काबल्लापुरा विकास प्रकोष्ठ का अध्यक्ष नियुक्त किया था।”
भाषा जोहेब देवेंद्र
देवेंद्र
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