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Saturday, 23 November, 2024
होमदेशअर्णब को SC से बेल मिलने पर अदालत का मजाक उड़ाने वाले कुणाल कामरा के खिलाफ चलेगा अवमानना का मामला

अर्णब को SC से बेल मिलने पर अदालत का मजाक उड़ाने वाले कुणाल कामरा के खिलाफ चलेगा अवमानना का मामला

अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाले उसके ट्वीट को अवमानना मानते हुए कार्यवाई की अनुमति दे दी है.

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नई दिल्ली: अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने कॉमेडियन कुणाल कामरा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की आलोचना करने वाले उसके ट्वीट को अवमानना मानते हुए कार्यवाई की अनुमति दे दी है.

देश के अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल ने चिट्टी लिखकर कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने लिखा है कि ‘फ्रीडम ऑफ स्पीच’ का मतलब देश के सर्वोच्च अदालत की गरिमा को ठेस को पहुंचाना नहीं है. वेणुगोपाल ने कहा, ‘लोग समझते हैं कि कोर्ट के बारे में कुछ भी कह सकते है.

वेणुगोपाल लिखते हैं, ‘मैंने ट्वीट देखे हैं आपराधिक अवमानना का मामला बनता है.’

कुणाल कामरा लिखते हैं, ‘इस देश की सुप्रीम कोर्ट देश का सबसे बड़ा मजाक (सुप्रीम जोक) है.’

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बुधवार को रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी और दो अन्य आरोपियों को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया है.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बुधवार रात ही अर्णब को रिहा कर दिया गया. इस बीच स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने एक के बाद कई ट्वीट किए. कामरा ने लिखा, ‘ जिस तेजी से सुप्रीम कोर्ट नेशनल इंट्रेस्ट के मुद्दों को ऑपरेट करती है यह समय है कि महात्मा गांधी के फोटो को हरीश साल्वे की फोटो से बदल दिया जाए.’

कॉमेडियन द्वारा लगातार आए ट्वीट को देखते हुए एक ओर जहां उन्हें कई उनके फॉलोअर ने इसे कंटेप्ट ऑफ कोर्ट के बारे में बताया वहीं वह एक के बाद एक ट्वीट करते गए. यहां तक की कामरा ने एक ट्वीट में सुप्रीम कोर्ट परिसर में तिरंगे की जगह भाजपा का झंडा लगा दिया और लिखा लगता है ये कांटेप्ट ऑफ कोर्ट (न्यायालय की अवमानना है.)

कामरा के ट्वीट से आहत वकील रिजवान सिद्दीकी ने देश के अटॉर्नी जनरल को खत लिखकर कामरा के खिलाफ कंटेप्ट ऑफ कोर्ट की आपराधिक कार्यवाही की अनुमति मांगी थी.

एक दूसरे ट्वीट में कुणाल कामरा ने लिखा, ‘डीवाई चंद्रचूड़ एक फ्लाइट अटेंडेंट हैं जो प्रथम श्रेणी के यात्रियों को शैम्पेन ऑफर कर रहे हैं क्योंकि वो फास्ट ट्रैक्ड हैं. जबकि सामान्य लोगों को यह भी नहीं पता कि वो कभी चढ़ या बैठ भी पाएंगे, सर्व होने की तो बात ही नहीं है.’

कुणाल अपने एक अन्य ट्वीट में वकीलों से कहते हैं कि जिनके पास रीढ़ की हड्डी है उन्हें न्यायाधीशों को बुलाते समय ‘ऑनरेबल’ की उपाधी लगानी छोड़ देनी चाहिए.

कुणाल कामरा के इन ट्वीट्स को न्यायालय की अवमानना माना जा रहा है. लेटर में फ्रीडम ऑफ स्पीच के बारे में पूरी डिटेल में बात कही गई है. बोलने का अधिकार है मगर देश की सर्वोच्च अदालत की अवमानना करने का अधिकार नहीं है.

यह पहली बार नहीं है जब कुणाल कामरा विवादों में आए हैं. इससे पहले भी कामरा अपने ट्वीट और बयानों की वजह से विवादों में रहे हैं. इसी साल की शुरुआत में कामरा ने मुंबई से दिल्ली आ रही इंडिगो की फ्लाइट में रिपब्लिक टीवी के अर्णब गोस्वामी से कुछ भद्दे सवाल पूछे थे और उन्हें अपशब्द भी कहा था. जिसके बाद यात्रियों से दुर्व्यवहार की बात कहकर इंडिगो ने उन्हें अपनी फ्लाइट पर नहीं चलने देने की बात कही थी और छह महीने के लिए प्रतिबंध लगा दिया था.


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