scorecardresearch
Sunday, 29 December, 2024
होमदेश‘कांग्रेस का तोहफा, भाजपा की नज़रअंदाजी’ — एक साल में चंबल रिवरफ्रंट कैसे बना कारोबार का कब्रिस्तान

‘कांग्रेस का तोहफा, भाजपा की नज़रअंदाजी’ — एक साल में चंबल रिवरफ्रंट कैसे बना कारोबार का कब्रिस्तान

राजस्थान की संस्कृति को दर्शाने और बिजनेस बढ़ाने के लिहाज़ से बना यह सुंदर रिवरफ्रंट पर्यावरण मंजूरी, राजनीतिक संघर्ष, प्रशासनिक अनदेखी और एनजीटी के मामले के कारण संघर्ष कर रहा है.

Text Size:

नई दिल्ली: राजस्थान के कोटा में चंबल रिवरफ्रंट पर कारोबार शुरू करने की उम्मीद में उदय राज सिंह ने पिछले साल 55 लाख रुपये का निवेश किया था. यह दुनिया का पहला हेरिटेज लिस्टेड रिवरफ्रंट है. हालांकि, उनकी योजना तब गड़बड़ा गई जब परियोजना पर्यावरण मंजूरी को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मामले में उलझ गई. राजनीतिक संघर्ष और प्रशासनिक उदासीनता के कारण इसमें और बाधा आई.

कोटा के इस व्यवसायी ने कहा, “मैं इसलिए ज़िंदा हूं क्योंकि मेरे पास पैसा है, लेकिन दूसरों को अभी यहां कारोबार शुरू करने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए.” उन्होंने कहा कि रिवरफ्रंट में भारत का सबसे बड़ा मॉल बनने की क्षमता है.

उन्होंने कहा, “एक बार जब सभी दुकानें खुल जाएंगी, तो यह एक बेहतरीन जगह होगी, जो यूरोप जैसा माहौल देगी.”

रिवरफ्रंट के दोनों ओर 137 दुकानें हैं, जो 1.76 लाख वर्ग फीट के व्यावसायिक क्षेत्र में फैली हुई हैं, जिनमें से केवल सात चालू हैं. इनमें से केवल दो ब्रांडेड आउटलेट हैं — हाउस ऑफ कैंडी और फ्रोज़न बॉटल — दोनों ही सिंह की हैं. बाकी दुकानें छोटी कैंटीन हैं, जिनमें नाश्ता वगैरह मिलता है. सिंह ने शिकागो पिज्जा और बरिस्ता की फ्रेंचाइज़ी भी ली है, लेकिन अभी तक उन्हें खोला नहीं है.

पूर्व कांग्रेस मंत्री शांति धारीवाल की अगुआई में 1,442 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी परियोजना चंबल रिवरफ्रंट का उद्घाटन पिछले साल सितंबर में हुआ था. हालांकि, एक साल के भीतर ही इसका संचालन अव्यवस्थित हो गया है. 14 महीने तक लगातार घाटे में रहने के बाद, अब यह परियोजना कोटा की प्रशासनिक कार्यकारी समिति के एजेंडे में आ गई है, जो इसका संचालन निजी संस्था को सौंपने की योजना बना रही है.

पिछले हफ्ते, कोटा विकास प्राधिकरण (केडीए) — रिवरफ्रंट संचालन को संभालने वाली नोडल संस्था — ने एक विस्तृत रिपोर्ट की समीक्षा की, जिसके बाद इसके सचिव कुशाल कोठारी ने एक नई निविदा और बिजनेस गतिविधियों के लिए नई योजनाओं को मंजूरी दी.

केडीए के एक्जिक्यूटिव इंजीनियर भूपेंद्र बंसीवाल ने कहा, “हमारे अनुमान के अनुसार, हमें हर महीने 2.10 करोड़ रुपये कमाने चाहिए, लेकिन रिवरफ्रंट से हमें केवल 1 करोड़ रुपये मिल रहे हैं — हर महीने एक करोड़ का घाटा — इसलिए, अपेक्षित राजस्व को पूरा करने और बेहतर संचालन के लिए, रिवरफ्रंट को अगले 15 वर्षों के लिए एक ही निजी फर्म को दिया जाएगा.”

उन्होंने कहा कि अगर पूरा, कर्मिशियल एरिया शुरू हो जाएगा, तो सभी नुकसानों की भरपाई सिर्फ एक महीने में ही हो जाएगी.

चंबल रिवरफ्रंट, जिसमें दर्जनों अलंकृत स्तंभ, 8 मेहराब, 22 घाट और फव्वारे हैं | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट
चंबल रिवरफ्रंट, जिसमें दर्जनों अलंकृत स्तंभ, 8 मेहराब, 22 घाट और फव्वारे हैं | फोटो: कृष्ण मुरारी/दिप्रिंट

वर्तमान में पांच अलग-अलग दुकानदार रोज़ाना होने वाले इवेंट्स और मैनेजमेंट, नौका विहार, गोल्फ कार्ट, वीआईपी टेंट सिटी और वाटर पार्क सहित संचालन के विभिन्न पहलुओं की देखरेख करते हैं. रेवेन्यू टिकट बिक्री, वाटर पार्क और प्री-वेडिंग शूट से आते हैं. बंसीवाल ने कहा कि पिछले महीने में ही यहां 60 से अधिक प्री-वेडिंग शूट आयोजित किए गए हैं.

बंसीवाल ने कहा, “अब केडीए ने कोटा के प्रसिद्ध सिटी पार्क की तरह सभी सेवाओं के लिए एक ही टेंडर देने का फैसला किया है.” उन्होंने कहा कि नया टेंडर अभी जारी किया जाना है.

पूर्वी छोर पर 88 दुकानों में से केवल 38 को ही आवंटित किया गया है, जबकि वर्तमान में केवल सात ही चालू हैं. पश्चिमी किनारे पर केडीए द्वारा 49 में से 15 दुकानें आवंटित की गई हैं, लेकिन उनमें से किसी ने भी अभी तक संचालन शुरू नहीं किया है.

बंसीवाल ने कहा कि कर्मशियल गतिविधियों को राजस्व का मुख्य स्रोत माना जाता था, जैसा कि मूल रूप से रिवरफ्रंट के निर्माण से पहले योजना बनाई गई थी. हालांकि, सीमित कमर्शियल दुकानें, जैसे स्मारिका दुकानें और कुछ रेस्तरां, अस्तित्व में आए हैं, जिससे सरकार को काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा, एम्फीथिएटर या बैंक्वेट हॉल की बुकिंग में भी बहुत कम रुचि रही है.


यह भी पढ़ें: भारतीय युवाओं के लिए भक्ति का नया केंद्र बन रहा खाटू श्याम, सरकार भी नए गलियारे के निर्माण में जुटी


एनजीटी केस

22 घाटों, दर्जनों अलंकृत स्तंभों, फव्वारों और लाल किला तथा ताज महल जैसे प्रतिष्ठित स्मारकों की लघु आकृतियों वाले भव्य चंबल रिवरफ्रंट को रेस्तरां और दुकानों के लिए एक सजीव केंद्र की तरह बनाया गया था, सब कुछ बंद है. हालांकि, वो रात में जगमगाते और चकाचौंध करते हैं, लेकिन वो कोटा की अर्थव्यवस्था में अभी तक योगदान नहीं दे पाए हैं.

रात में चंबल रिवरफ्रंट का एक दृश्य | फोटो: एएनआई
रात में चंबल रिवरफ्रंट का एक दृश्य | फोटो: एएनआई

रिवरफ्रंट का उद्देश्य शहर के अन्य आकर्षणों, जैसे सेवन वंडर्स पार्क, सिटी पार्क, चंबल गार्डन और ऑक्सीजोन पार्क का पूरक बनना था.

पिछले साल सितंबर में, पांच डेडलाइन मिस करने के बाद और राजस्थान विधानसभा चुनाव से ठीक एक महीने पहले, दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह को ब्रांड एंबेसडर बनाकर रिवरफ्रंट का उद्घाटन किया गया था.

हालांकि, चुनाव के बाद, रिवरफ्रंट के निर्माण के दौरान पर्यावरण नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए एनजीटी में मामला दर्ज किया गया था. एनजीटी ने परियोजना की जांच के लिए कोटा के जिला कलेक्टर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अधिकारियों और राजस्थान के जल संसाधन विभाग और जैव विविधता बोर्ड के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति बनाई.

लेकिन तीन महीने के भीतर, ज़मीनी दौरे के बाद, समिति ने पर्यावरण और अन्य नियमों के उल्लंघन का दावा करने वाली याचिका को खारिज कर दिया.

बंसीवाल ने कहा, “एनजीटी मामले के परिणामस्वरूप व्यापारियों में रुचि की कमी, मामले के खत्म होने के बाद भी बनी रही.”

उन्होंने कहा कि केडीए ने उन लोगों को भी नोटिस भेजे, जिन्हें दुकानें आवंटित की गई थीं, लेकिन वो बंद हैं.

कोटा रिवरफ्रंट के रखरखाव में 100 से अधिक लोग लगे हुए हैं और रिवरफ्रंट से होने वाली आय इसके रखरखाव के लिए अपर्याप्त है.

केडीए के एक अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “हर महीने बिजली का बिल 1.5 करोड़ रुपये आता है, जबकि इससे होने वाली आय 1 करोड़ रुपये है.”

पर्यटन संस्कृति का अभाव और राजनीति

रिवरफ्रंट पर राजस्व घाटे का कारण कोटा में व्यापक पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र भी हो सकता है, जबकि प्रतिदिन लगभग 1,500 लोग आते हैं, यह संख्या इतने बड़े पैमाने के बुनियादी ढांचे को बनाए रखने के लिए अपर्याप्त है.

कोटा के पर्यावरणविद् बृजेश विजयवर्गीय ने कहा, “कोटा में कोई पर्यटन संस्कृति नहीं है. कोचिंग हब होने के कारण यहां लोगों की आवाजाही होती रहती है, लेकिन इस साल छात्र भी कम संख्या में आए हैं.”

उन्होंने कहा कि इस बात की बहुत कम उम्मीद है कि अधिक लोग केवल रिवरफ्रंट देखने के लिए यहां आएंगे.

विजयवर्गीय ने यह भी बताया कि 200 रुपये का प्रवेश टिकट आम लोगों के लिए वहनीय नहीं है. “अगर रिवरफ्रंट को बनाए रखना है, तो कोटा को पर्यटन सर्किट में लाना होगा और इसके कई अछूते स्थानों को विकसित करना होगा.”

उदय राज सिंह ने दावा किया कि पिछले साल कांग्रेस सरकार के जाने के बाद, नई भाजपा सरकार ने रिवरफ्रंट को महत्व नहीं दिया.

जनवरी 2024 में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह ने “कामयाब कोटा” का पोस्टर जारी किया, लेकिन पोस्टर में रिवरफ्रंट और सिटी पार्क नहीं था. सिंह ने कहा, “यह रिवरफ्रंट कांग्रेस की देन है, इसलिए भाजपा इसे नज़रअंदाज कर रही है.”

हालांकि, इस हफ्ते की शुरुआत में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी की शादी रिवरफ्रंट पर हुई थी.

सिंह ने कहा, “भाजपा रिवरफ्रंट का विरोध करती है, लेकिन भाजपा नेता यहां अपने निजी कार्यक्रम आयोजित करते हैं.”

फरवरी में कांग्रेस के शांति धारीवाल ने कहा था कि अगर विश्वस्तरीय चंबल रिवरफ्रंट की अनदेखी की गई, तो आंदोलन शुरू किया जाएगा.

हालांकि, उदय राज सिंह मुख्य रूप से अपने महत्वपूर्ण निवेश को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने त्वरित कार्रवाई की ज़रूरत पर जोर देते हुए कहा कि केवल कुछ दुकानें खुली होने से उत्साह पैदा होने की संभावना कम है.

उन्होंने रिवरफ्रंट की स्थिति की तुलना एक फिल्म से करते हुए कहा, “फिल्म भव्य और आशाजनक थी, लेकिन यह राजनीतिक विवाद में फंस गई.”

उन्होंने कहा कि अब नदी तट राजनीतिक अधर में फंस गया है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें: अनाज मंडी, आदिवासी हॉस्टल और स्कूलों से क्यों चल रहे हैं राजस्थान के 17 नए जिले


 

share & View comments