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Wednesday, 8 October, 2025
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कांग्रेस के ‘ईगल’ ने कहा : बिहार में मतदाता सूची से हटाए गए लोगों का विवरण क्यों नहीं दिया गया

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नयी दिल्ली, आठ अक्टूबर (भाषा) कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं और विशेषज्ञों के विशेषाधिकार प्राप्त समूह ‘ईगल’ ने बिहार में निर्वाचन आयोग द्वारा जारी अंतिम मतदाता सूची को लेकर बुधवार को कई सवाल खड़े किए और कहा कि आयोग ने उन लोगों के बारे में बूथ व श्रेणी के अनुसार विवरण क्यों उपलब्ध नहीं कराया है, जिनके नाम मतदाता सूची से हटाए गए हैं।

उसने यह दावा भी किया कि अंतिम सूची में पांच लाख से ज़्यादा ‘डुप्लिकेट’ (समान नाम, रिश्तेदार का नाम, आयु, लिंग और पता) मतदाता हैं।

‘ईगल’ ने एक बयान में कहा, “ निर्वाचन आयोग ने बिहार में ‘विशेष गहन पुनरीक्षण’ अभियान चलाया और आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 7.42 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं की अंतिम सूची जारी की। कांग्रेस की कई बार की अपील के बावजूद, आयोग ने मशीन-पठनीय मतदाता सूची उपलब्ध नहीं कराई है, जिससे मतदाता सूची का विश्लेषण करना बहुत मुश्किल हो जाता है।”

उसने सवाल किया कि मतदाता सूचियों का विश्लेषण आसान बनाने में आयोग इतना हिचकिचा क्यों रहा है? उसे किस बात का डर है?

कांग्रेस के इस समूह ने कहा, “ 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए, 7.72 करोड़ पंजीकृत मतदाता थे। इसका मतलब है कि कुल मिलाकर 30 लाख लोग, जो लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता के रूप में पंजीकृत थे, अब विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता नहीं हैं।”

उसने सवाल किया, “ये 30 लाख लोग कौन हैं और इनमें से कितने लोगों ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए बिहार में मतदान किया?”

उसके अनुसार, चुनाव आयोग का दावा है कि बिहार में 21.53 लाख मतदाता जोड़े गए, लेकिन केवल 16.93 लाख के लिए ही फॉर्म 6 उपलब्ध है। ‘ईगल’ ने पूछा, “बाकी 4.6 लाख फॉर्म कहां हैं? क्या इन मतदाताओं को बिना उचित प्रक्रिया के जोड़ा गया था?”

उसका यह भी कहना है, “एसआईआर प्रक्रिया में 67.3 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। इनमें से दसवें हिस्से से भी ज़्यादा नाम सिर्फ़ 15 विधानसभा क्षेत्रों में हटाए गए हैं।”

कांग्रेस की इस इकाई ने सवाल किया कि आयोग ने सभी हटाए गए मतदाताओं की अंतिम सूची और बूथ व श्रेणी के अनुसार उनका विवरण क्यों उपलब्ध नहीं कराया है?

उसने कहा, “हमारे विश्लेषण के अनुसार, अंतिम सूची में पांच लाख से ज़्यादा डुप्लिकेट (समान नाम, रिश्तेदार का नाम, आयु, लिंग और पता) मतदाता हैं।”

उसका कहना है, “अगर अब भी पांच लाख से ज़्यादा डुप्लिकेट मतदाता हैं, तो एसआईआर करने का क्या मतलब था? अब चुनाव आयोग इनका सत्यापन और सफ़ाई कैसे करेगा?”

‘ईगल’ ने कहा, “आयोग ने नामांकन की अंतिम तिथि से दस दिन पहले तक नाम शामिल करने के लिए आवेदन करने की अनुमति दी है, उस तिथि तक अंतिम मतदाता सूची को रोक दिया जाना चाहिए। बाद में प्रकाशित किसी भी पूरक या अतिरिक्त सूची को मतदाता आधार में बदलाव करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। चुनाव नामांकन की अंतिम तिथि को अंतिम रूप दी गई सूची के अनुसार ही होने चाहिए।”

भाषा हक

प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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