तिरुवनंतपुरम, 15 मई (भाषा) कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बृहस्पतिवार को मीडिया में आई उन खबरों को खारिज कर दिया, जिनमें कहा गया था कि पार्टी नेतृत्व ने ‘‘स्पष्ट संदेश’’ दिया है कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर अपनी टिप्पणी के माध्यम से ‘लक्ष्मण रेखा’ पार कर दी है।
थरूर ने कहा कि उन्हें इस बारे में मीडिया के माध्यम से ही जानकारी मिली है।
तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद थरूर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह खबर बिना किसी आधार के मीडिया द्वारा गढ़ी गई है।
कांग्रेस सांसद ने पार्टी की ओर से चेतावनी मिलने की खबरों को खारिज करते हुए कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि यह कहां से आया। मैं कल कांग्रेस कार्यसमिति के नेताओं की एक बंद कमरे में हुई बैठक में था। मैं शाम 4.30 बजे शुरू हुई बैठक में शाम 6.35 बजे तक था और मैं यह अवश्य कहना चाहूंगा कि उस समय निश्चित रूप से इनमें से किसी का भी कोई संदर्भ नहीं था और न ही मेरा कोई संदर्भ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब, अगर उसके बाद कुछ हुआ है, तो मुझे अभी तक इसकी जानकारी नहीं है।’’
वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान का समर्थन करते हुए थरूर ने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर जो कुछ भी कहा है वह उनकी निजी राय है, क्योंकि वह पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता नहीं हैं।
कांग्रेस सांसद ने कहा कि लोग उनसे इस विषय पर उनके विचार जानने के लिए आते थे, क्योंकि वे मानते हैं कि उन्हें इनमें से कुछ विषयों के बारे में कुछ जानकारी है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का हवाला दिया।
थरूर ने कहा, ‘‘लोगों को लगता है कि मुझे इनमें से कुछ विषयों के बारे में कुछ जानकारी है, और इसलिए वे मेरे पास आते हैं और मेरे विचार पूछते हैं। मैं यह बहुत स्पष्ट कर देता हूं, कभी-कभी स्पष्ट रूप से, कभी-कभी परोक्ष रूप से कि मैं एक भारतीय, एक गौरवान्वित नागरिक के रूप में अपने व्यक्तिगत विचार व्यक्त कर रहा हूं।’’
उन्होंने सभी को याद दिलाया कि कांग्रेस पार्टी ने इस संघर्ष की शुरुआत में सरकार और सशस्त्र बलों के साथ पूर्ण एकजुटता की घोषणा की थी।
थरूर ने कहा, ‘‘और इसी भावना के साथ, मैंने अपने मन से समर्थन भी व्यक्त किया, यह उस समय एक बहुत ही महत्वपूर्ण राष्ट्रीय विमर्श में एक योगदान मात्र था, जब स्पष्ट रूप से, हमारे लिए तिरंगे के नीचे एकत्र होना अहम था।’’
उन्होंने यह भी कहा कि उस समय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत के दृष्टिकोण को अपेक्षाकृत कम सुना गया, विशेषकर यूरोप, पश्चिम एशिया, अमेरिका आदि में।
थरूर ने कहा, ‘‘जब उन देशों के चैनलों ने मुझसे संपर्क किया, तो मुझे लगा कि यह मेरा कर्तव्य है कि मैं अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करूं, जो मेरी समझ को सटीक रूप से दर्शाता है कि भारत क्या मानता है, किसके लिए खड़ा है और क्या करना चाहता है।’’
पार्टी सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) और थरूर सहित वरिष्ठ नेताओं की बैठक के बाद उनमें से कुछ ने कहा कि तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस सांसद ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष पर बार-बार टिप्पणी करके ‘लक्ष्मण रेखा’ पार की है।
भाषा धीरज सुरेश
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