scorecardresearch
शनिवार, 7 जून, 2025
होमदेशकांग्रेस को धर्मांतरण पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए : अरविंद नेताम

कांग्रेस को धर्मांतरण पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए : अरविंद नेताम

Text Size:

रायपुर, सात जून (भाषा) छत्तीसगढ़ में वरिष्ठ आदिवासी नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री अरविंद नेताम ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस को धर्मांतरण पर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए।

नेताम ने यह भी संदेह जताया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने ईसाई धर्म अपना लिया है। बैज बस्तर क्षेत्र के आदिवासी नेता हैं।

नेताम ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 25 दिवसीय प्रशिक्षण शिविर – ‘कार्यकर्ता विकास वर्ग – द्वितीय’ के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के दो दिन बाद रायपुर में संवाददाताओं से यह बात कही।

नागपुर के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हुए थे।

राज्य के बस्तर क्षेत्र के प्रमुख आदिवासी नेता नेताम पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पी वी नरसिम्हा राव के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और सर्व आदिवासी समाज (एसएएस) का हिस्सा बन गए थे।

सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ में आदिवासी संगठनों का एक समूह है। समाज ने 2023 में विधानसभा चुनाव से पहले एक राजनीतिक संगठन हमार राज पार्टी का गठन किया था।

कांग्रेस की छत्तीसगढ़ इकाई के प्रमुख दीपक बैज के इस दावे के बारे में पूछे जाने पर कि नेताम आरएसएस की भाषा बोल रहे हैं, नेताम ने कहा, ”मैं (आदिवासी) समुदाय की भाषा बोल रहा हूं। मैं बैज से पूछना चाहता हूं कि क्या उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया है। जब वह ऐसी बातें करते हैं तो मुझे इस पर संदेह होता है। मैं पूछना चाहता हूं कि धर्म परिवर्तन के बारे में कांग्रेस की नीति क्या है। पार्टी को इसे स्पष्ट करना चाहिए।”

उन्होंने कहा, ”धर्मांतरण पर आरएसएस की नीति बहुत स्पष्ट है कि वह इस तरह की प्रथा के खिलाफ है। कांग्रेस को अपनी नीति के बारे में बात करनी चाहिए। वह (बैज) पार्टी के (छत्तीसगढ़ में) प्रमुख हैं। हम आदिवासी समाज की बात करते हैं, संघ की नहीं। मैंने (नागपुर में कार्यक्रम के दौरान) औद्योगिक नीति, विस्थापन और पर्यावरण जैसे मुद्दों पर आरएसएस की विचारधारा के खिलाफ बात की है। हमने संघ को समझाने की कोशिश की कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर चर्चा होनी चाहिए और सभी को विश्वास में लेकर इसका समाधान निकाला जाना चाहिए।”

नेताम ने कहा, ”देश में आदिवासी समाज कई मुद्दों पर खतरों का सामना कर रहा है। अब चिंता यह है कि उनका अस्तित्व रहेगा या नहीं। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से बहुत कम उम्मीद है कि वे हमारी समस्याओं को गंभीरता से लेंगे। इसलिए हमने सोचा कि कौन हमारी मदद कर सकता है। हमें लगता है कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है जो कई मुद्दों पर गहराई से जाता है और उस पर काम करता है। जब हमें नागपुर में मौका मिला, तो हमने उनके साथ कई मुद्दों पर चर्चा की।”

नेताम ने कहा कि वह पहली बार आरएसएस के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और उनकी गतिविधियों और समर्पण को देखकर प्रभावित हुए। देश के प्रति प्रतिबद्धता और सामाजिक समरसता संघ के दर्शन का आधार है।

उन्होंने कहा, ”मैंने इस देश में ऐसा कोई संगठन नहीं देखा जो धर्मांतरण और अन्य मुद्दों पर गहराई से विचार करता हो।”

भाषा

संजीव, रवि कांत

रवि कांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments